याकूब मेमन ने नहीं मानी है हार, फांसी से बचने के लिए लगायी सुप्रीम कोर्ट से गुहार

नयी दिल्ली: मुंबई विस्फोट में मौत की सजा पा चुके याकूब अब्दुल रजाक मेमन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मौत की सजा पर रोक की मांग की है उसने अपनी याचिका में नियमों का हवाला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही याकूब की मौत की सजा पर मुहर लगा दी है. इसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2015 1:07 PM
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नयी दिल्ली: मुंबई विस्फोट में मौत की सजा पा चुके याकूब अब्दुल रजाक मेमन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मौत की सजा पर रोक की मांग की है उसने अपनी याचिका में नियमों का हवाला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही याकूब की मौत की सजा पर मुहर लगा दी है. इसके बावजूद भी याकूब अपने बचने का कोई रास्ता नहीं छोड़ना चाहता उसने राष्ट्रपति के पास भी दया याचिका भेजी थी जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था.

इसके बाद उसने राज्यपाल से भी गुहार लगायी. सूत्रों में मिल रही जानकारी के अनुसार याकूब को 30 जुलाई को फांसी नहीं हो सकती क्योंकि उसे परिवार और कानूनी कार्रवाई के लिए 14 दिनों का वक्त मिलेगा. आज याकूब से उसके परिवार वाले भी मिलने आये और आगे की कार्रवाई पर बैठ कर चर्चा की.

सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी किया था कि अगर किसी व्‍यक्ति को फांसी की सजा मिली है और उसने दया याचिका भेजी है, तो दया याचिका खारिज हो जाने के 14 दिनों बाद ही उसे फांसी दी जा सकती है. यह गइडलाइन सुप्रीम कोर्ट ने वीरप्‍पन के सहयोगियों को सजा सुनाते समय तय की थी. कोर्ट का मानना है कि जिसे भी फांसी की सजा मिली हो उसे जीवित रहते तक गरिमा के साथ जीने और अपने परिवार के सदस्‍यों से मिलने का पूरा अधिकार है.
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