आधार योजना को नहीं किया जा सकता रद्द : केंद्र सरकार

नयी दिल्ली : केंद्र ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने आधार योजना को लागू करने पर पहले ही अच्छी-खासी धनराशि खर्च कर दी है और काफी देर हो जाने के कारण विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को अब रद्द नहीं किया जा सकता. अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने शीर्ष न्यायालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2015 10:45 PM
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नयी दिल्ली : केंद्र ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने आधार योजना को लागू करने पर पहले ही अच्छी-खासी धनराशि खर्च कर दी है और काफी देर हो जाने के कारण विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को अब रद्द नहीं किया जा सकता.

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि बडी संख्या में नागरिक आधार के लिए पंजीकरण करा चुके हैं और विशेष पहचान कार्यक्रम से कदम पीछे खींचने का प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है. रोहतगी ने कहा, ये बडे अहम सवाल हैं. जिस तरह के सवाल उठाए गए हैं और इस देश के प्रशासन पर जो इसका प्रभाव है, वह काफी बडा है. इसका फैलाव काफी बडा है. उन्होंने कहा कि इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ में भेजा जाना चाहिए.
न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह इस मामले को संविधान पीठ के समक्ष भेजने पर कल सुनवाई करेगी. सेंटर फॉर सिविल सोसायटी नाम के एनजीओ के वकील के के वेणुगोपाल ने अटॉर्नी जनरल की दलीलों का समर्थन किया और कहा कि इसमें निजता और निगरानी से जुडे कानूनों का बडा सवाल शामिल है.
वेतन, पीएफ और विवाह तथा संपत्ति पंजीकरण सहित कई गतिविधियों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य बनाने के कुछ राज्यों के फैसलों के खिलाफ दाखिल कई याचिकाओं की सुनवाई पीठ कल से शुरू करेगी. इससे पहले, अदालत ने कहा था कि आधार अनिवार्य नहीं होगा और जिस व्यक्ति के पास आधार नहीं है, उसे सरकारी लाभ और सेवाओं से किसी तरह वंचित नहीं किया जाना चाहिए. न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया था कि अवैध रुप से भारत में रह रहे लोगों को आधार कार्ड जारी न किए जाएं क्योंकि इससे उनके यहां रहने को वैधता मिल जाएगी.
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