सुप्रीम कोर्ट ने बैंक पीओ परीक्षा में जाट आरक्षण के अनुरोध को ठुकराया

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बैंकों में प्रोबेशनरी अधिकारियों की भर्ती की परीक्षा में जाट आवेदकों को अन्य पिछडे वर्ग की श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ देने की याचिका आज खारिज कर दी. ये आवेदक इस परीक्षा के विभिन्न चरणों में उत्तीर्ण हो चुके हैं. न्यायालय ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2015 8:39 PM
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नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बैंकों में प्रोबेशनरी अधिकारियों की भर्ती की परीक्षा में जाट आवेदकों को अन्य पिछडे वर्ग की श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ देने की याचिका आज खारिज कर दी. ये आवेदक इस परीक्षा के विभिन्न चरणों में उत्तीर्ण हो चुके हैं.

न्यायालय ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही निर्णय किया जा चुका है और जाट आवेदकों के पक्ष में कोई अधिकार निहित नहीं है. न्यायालय ने जाटों को आरक्षण का लाभ देने के लिये उन्हें अन्य पिछडे वर्गो की केंद्रीय सूची में शामिल करने संबंधी पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की चार मार्च, 2014 की अधिसूचना इस साल 17 मार्च को निरस्त कर दी थी.
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की पीठ ने कहा, यदि किसी भी व्यक्ति को नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है तो हमारा फैसला लागू होगा. इस मामले की सुनवाई शुरु होते ही कुछ आवेदकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दिरा जयसिंह ने कहा कि उन्होंने प्रवेश परीक्षा के विभिन्न चरण पार कर लिये हैं और तभी आरक्षण के बारे में केंद्र सरकार की अधिसूचना निरस्त करने का फैसला आ गया.
उन्होंने अपने तर्को के समर्थन में कई फैसलों का हवाला देते हुये कहा कि यह फैसला अगली तारीख से लागू होना चाहिए. जाट समुदाय के इन आवेदकों ने अन्य पिछडा वर्ग की श्रेणी के तहत पीओ की परीक्षा के विभिन्न दौर पार कर लिये थे लेकिन शीर्ष अदालत के निर्णय की वजह से उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिल सके.
इससे पहले भी न्यायालय ने अन्य पिछडा वर्ग की श्रेणी के तहत जाट छात्रों को मेडिकल और डेन्टल कालेजों के पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया में आरक्षण के लाभ हेतु दायर याचिका खारिज कर दी थी.
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