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जदयू विधायक सुनील पांडेय की गिरफ्तारी के बाद अब मुख्तार व ब्रजेश की बारी

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पटना: आरा बम ब्लास्ट मामले में दिल्ली से लंबू शर्मा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को सुनील पांडेय की संलिप्ता का पता चल गया था. लंबू शर्मा के बयान के बाद पुलिस ने शनिवार को विधायक सुनील पांडेय को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने लंबू शर्मा से लंबी पूछताछ की, जिसमें पुलिस को ब्रजेश सिंह […]

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पटना: आरा बम ब्लास्ट मामले में दिल्ली से लंबू शर्मा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को सुनील पांडेय की संलिप्ता का पता चल गया था. लंबू शर्मा के बयान के बाद पुलिस ने शनिवार को विधायक सुनील पांडेय को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने लंबू शर्मा से लंबी पूछताछ की, जिसमें पुलिस को ब्रजेश सिंह एवं मुख्तार अंसारी की संलिप्ता का पता चला. दोनों के खिलाफ सबूत व गिरफ्तारी के लिए भोजपुर पुलिस की टीम यूपी में कैंप की हुई है.

शुक्रवार को देर शाम करीब 5:01 मिनट पर एसपी ने अपने मोबाइल से जदयू विधायक से पांच मिनट तक बात की थी. इस दौरान एसपी ने जदयू विधायक से अगले दिन 11: 00 बजे एसपी कार्यालय आने को कहा था. शनिवार को जदयू विधायक एसपी कार्यालय परिसर मिलने पहुंचे थे. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
वहीं, परिजनों का कहना है कि इसके पूर्व भी एसपी द्वारा मोबाइल पर विधायक से बात की गयी थी और मिलने के लिए एसपी कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन, हसन बाजार की घटना के दिन विधायक क्षेत्र में व्यस्त थे, जिसके कारण वे मिलने नहीं आ सके थे, लेकिन कल फिर फोन कर आज बुलाया गया था. एसपी कार्यालय परिसर से गिरफ्तारी के बाद जदयू विधायक को नगर थाना लाया गया, जहां कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मेडिकल चेकअप के लिए सदर अस्पताल लाया गया. सदर अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराने के बाद फिर विधायक की पेशी को ले सीजेएम आवास लाया गया, जहां लगभग दो घंटों तक कानूनी प्रक्रिया चली. इसके बाद विधायक को मंडल करार भेज दिया गया.
विधायक समर्थकों व पुलिस में धक्का-मुक्की
गिरफ्तार विधायक को जब कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए नगर थाना लागया गया तब हुलास पांडेय के समर्थकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान पुलिस और विधायक समर्थक के बीच धक्का मुक्की भी हुई. वहीं, सदर अस्पताल में विधायक सुनील पांडेय की मेडिकल जांच करायी गयी. इस दौरान विधायक के समर्थकों की भीड़ लग गयी. विधायक की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही भाई हुलास पांडेय भी पहुंच गये. इस दौरान समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गयी. कार्यकर्ता रह-रह कर नारेबाजी भी कर रहे थे. प्रशासन व पुलिस के प्रति उनका गुस्सा साफ झलक रहा था.
तरारी, पीरो व सहार बंद आज
आरा. विधायक सुनील पांडेय कीगिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थक रविवार को सड़क पर उतरेंगे. शहर में बंदी नहीं होगी, लेकिन तरारी, पीरो और सहार में बंद का एलान किया गया है. इधर, लोकतंत्र बचाओ संघर्ष मोरचा रविवार को मशाल जुलूस निकालेगा. इसको देखते हुए पुलिस ने तैयारी कर रखी है. जिले में सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गयी है.
लंबू ने सुनील पांडेय से की थी बातचीत!
ऐसी चर्चा है कि कोर्ट बम ब्लास्ट से पहले जेल में बंद रहे लंबू शर्मा ने विधायक सुनील पांडेय से मोबाइल पर बातचीत की थी. इसको केंद्र बिंदु मान कर पुलिस जांच कर रही थी. अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने इस संबंध में लंबू शर्मा से पूछताछ की थी. इधर, पुलिस यह जानने की कोशिक कर रही है कि आखिर सुनील पांडेय और लंबू शर्मा में क्या बात हुई और दोनों के बीच क्या कनेक्शन था. चर्चित बम ब्लास्ट कांड में पकड़े गये कुख्यात लंबू शर्मा ने रिमांड पर लिये जाने के दौरान दिल्ली व आरा के पुलिस अधिकारियों के समक्ष जदयू विधायक सुनील पांडेय यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी व अंडर वर्ल्ड में चर्चित ब्रजेश सिंह का नाम लिया था. सुनील पांडेय को अप्राथमिक अभियुक्त बनाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जबकि ब्रजेश सिंह एवं मुख्तार अंसारी की टोह में भी भोजपुर पुलिस गुपचुप तरीके से लगी हुई है. सूत्रों की मानें, तो भोजपुर पुलिस की टीम यूपी में कैंप की हुई है. बहरहाल इस पूरे मामले में पुलिस की चुप्पी बरकरार है.
लागत बा एइजे का बेल मिल जाई ..
मेडिकल चेकअप के बाद पुलिस विधायक को सीजेएम आवास पेशी के लिए लायी, तो वहां करीब दो घंटे कानूनी प्रक्रिया पूरा करने में लग गया. इस दौरान बाहर पूर्व विधान पार्षद हुलास पांडेय और विधायक समर्थक बारिश में बाहर डटे हुए थे. कानूनी प्रक्रिया में देरी होने पर विधायक के साथ उनके समर्थकों में आशा जगी कि लगता मामला यहीं खत्म हो जायेगा. इस बीच कानाफूसी भी होती रही कि लागत ब एइजे बेल मिल जाई. लेकिन दो घंटे के बाद गिरफ्तार विधायक को सीजेएम ने 11 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया, तो विधायक समर्थक निराश हो गये. . इस तरह से सड़क पर खड़े होकर विधायक समर्थकों द्वारा जेल और बेल को लेकर लगाये जा रहे कयास पर हमेशा के लिए विराम लग गया. निराश समर्थक मंडल कारा की ओर निकल गये.
गिरफ्तारी के विरोध में निकाला गया जुलूस
विधायक सुनील की गिरफ्तारी के विरोध में लोगों ने मुंह पर काली पट्टी बांध कर मौन जुलूस निकाला, जो नागरमल हाता से होते हुए शहर की विभिन्न सड़कों से गुजरा. सैकड़ों समर्थक हाथ में तख्तियां लिये हुए थे, जिस पर लालू व नीतीश के खिलाफ नारे लिखे हुए थे. इधर, लोकतंत्र बचाओ संघर्ष मोरचा ने सुनील पांडेय की रिहाई की मांग की.इस दौरान समर्थकों ने आरोप लगाया कि विधायक की गिरफ्तारी बिहार सरकार एवं लालू प्रसाद यादव के इशारे पर राजनीतिक षड्यंत्र के तहत हुई है.
2000 में पहली बार बने विधायक
गिरफ्तार जदयू विधायक नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय ने वर्ष 2000 में समता पार्टी की टिकट पर पहली बार विधायक बने थे. उस वक्त श्री पांडेय ने राजद प्रत्याशी काशीनाथ को पराजित किया था. इसके बाद वर्ष 2005 फरवरी के विधानसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी सह पूर्व मंत्री कांति सिंह के पति केशव सिंह को हरा कर जीत हासिल की थी. फिर 2005 नवंबर के विधानसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी त्रिवेणी सिंह को हरा कर जीत दर्ज कर हैट्रिक लगायी थी. इसके बाद 2010 के विधानसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी आदिब रिजवी को हरा कर जीता दर्ज की थी. वहीं श्री पांडेय का विधायक बनने से पहले इनका कोई राजनीतिक कैरियर नहीं रहा है. उस वक्त ये सिर्फ स्थानीय सांसद और विधायक को जीताने और हराने में सिर्फ अपनी भूमिका आदा किया करते थे.
सुनील पांडेय पर 22 मुकदमे थे दर्ज
जदयू विधायक सुनील पांडेय उर्फ नरेंद्र कुमार पांडेय पर अब तक कुल 22 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज किये गये थे, जिनमें कई मामलों में इनकी रिहाई हो चुकी है, जबकि इन पर कई मामले न्यायालय में लंबित है. वहीं कई मामले में बेल पर है.

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