रुस में हो सकती है नरेंद्र मोदी और शरीफ की मुलाकात

नयी दिल्ली : रुस के शहर उफा में अगले महीने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वार्षिक शिखर वार्ता के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उसके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच बैठक की संभावना है जिसका उद्देश्य संबंधों को सामान्य करना तथा आगे बढाना होगा. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कल शरीफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2015 9:13 PM
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नयी दिल्ली : रुस के शहर उफा में अगले महीने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वार्षिक शिखर वार्ता के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उसके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच बैठक की संभावना है जिसका उद्देश्य संबंधों को सामान्य करना तथा आगे बढाना होगा. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कल शरीफ को टेलीफोन करने से भारत और पाकिस्तान के बीच ‘तनाव में कमी’ आई है.

यह टेलीफोन वार्ता ऐसे समय हुई जब अपने ढाका के हालिया दौरे पर पाकिस्तान के बारे में मोदी की आलोचनात्मक टिप्पणियों और म्यामां में भारत की सैन्य कार्रवाई पर दोनों देशों के बीच वाक्युद्ध हुआ था. हालांकि बैठक के लिए अब तक किसी भी तरफ से औपचारिक आग्रह नहीं किया गया है. मोदी ने कल शरीफ को फोन करके उन्‍हें रमजान के लिए शुभकामनाएं दी थीं और कहा था कि दोनों देशों के बीच ‘शांतिपूर्ण’ और ‘मैत्रीपूर्ण’ द्विपक्षीय संबंधों की जरुरत है.

टेलीफोन पर अपनी बातचीत में मोदी ने शरीफ को रमजान के मौके पर भारत द्वारा हिरासत में मौजूद पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने के फैसले के बारे में बताया. वार्षिक एससीओ शिखर वार्ता नौ और दस जुलाई को उफा में होगी और भारत तथा पाकिस्तान दोनों को चीन समर्थित इस संगठन की पूर्ण सदस्यता की मंजूरी मिलने की संभावना है.

भारत ने पिछले साल दुशांबे में एससीओ की शिखर वार्ता में इस संगठन की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन करते हुए कहा था कि वह इस संगठन से जुडने के लिए कदम बढाने को तैयार है. वर्ष 2001 में शंघाई में रुस, चीन, किर्गिज गणतंत्र, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने एक शिखर वार्ता में एससीओ की स्थापना की थी. वर्ष 2005 अस्ताना वार्ता में भारत, ईरान और पाकिस्तान को पर्यवेक्षक के रूप में अपनाया गया था.

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