‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्लीः दिल्ली में छह प्रतिशत की हुई बिजली बिल में बढोत्तरी पर अब राजनीति शुरू हो गयी. दिल्ली प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल के एक पुराने ट्वीट को रिट्वीट किया है. यह ट्वीट उस वक्त है जब अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बढ़ाये गये बिजली बिल को लोगों ना भरने की अपील की थी.
इस ट्वीट को लेकर कुछ न्यूज चैनल ने शुरूआत में यह खबर चलायी कि अरविंद केजरीवाल ने ताजा बढ़े बिजली बिल के बाद लोगों से बिल ना भरने की अपील की है, हालांकि बाद में यह खबर गलत साबित हुई.
बिजली कंपनियों के ऑडिट की बात बहुत पहले से की जा रही है लेकिन अबतक इसका कोई नतीजा सामने आता नहीं दिख रहा है.सरकार ने बढ़ी हुई कीमतों के बाद डीईआरसी ( दिल्ली विद्युत नियामक आयोग) को एक बार फिर इस फैसले पर विचार करने को कहा था और बढ़ी हुई बिल पर आपत्ति जतायी थी. अरविंद केजरीवाल ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर भी इसकी जानकारी देते हुए लिखा था कि इस तरह की बढोत्तरी पर सिर्फ ईमानदार सरकार ही एक्शन ले सकती है.
गौरतलब है कि निजी बिजली कंपनियों को बिजली खरीद लागत की भरपाई के लिए यह सरचार्ज बढ़ाया है. इस पर इतना राजनीतिक विवाद इसलिए हो रहा है क्योंकि बिजली और पानी जैसे आम मुद्दें अरविंद केजरीवाल का चुनावी मुद्दे रहे हैं. बिजली और पानी के दाम कम करने का वादा करके अरविंद केजरीवाल सत्ता तक पहुंचे है. कांग्रेस नेता मीम अफजल ने भी बढ़े हुए दामों का विरोध किया और अरविंद केजरीवाल के पुराने ट्वीट को याद कराते हुए कहा कि अब क्यों नहीं कोई ऐसा ऐलान करते.