चेन्नई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आलोचक होने की शिकायत के बाद एक छात्र संगठन की मान्यता खत्म करने पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी – एम) आज एक विवाद में घिर गया जिसपर राजनीति तेज हो गयी है. जहां एक ओर इसको लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के घर के बाहर एएनयूएसआइ कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इस विवाद में कूद गये हैं.
दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मुक्त अभिव्यक्ति हमारा अधिकार है. हम असहमति और बहस को कुचलने की किसी भी कोशिश के खिलाफ लडेंगे. राहुल के कार्यालय के ट्वीट के मुताबिक उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की आलोचना करने को लेकर आईआईटी छात्र संगठन को प्रतिबंधित कर दिया गया. आगे क्या होगा? इस मुद्दे पर दिल्ली में ईरानी के आधिकारिक आवास के बाहर सैकडों की संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आज प्रदर्शन किया.
कांग्रेस छात्र शाखा के प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और छात्र संगठन के खिलाफ हुई कार्रवाई के पीछे एचआरडी मंत्रालय का हाथ होने का आरोप लगाया. वहीं, प्रतिष्ठित संस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चेन्नई में संवाददाताओं को बताया कि अंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्कल :एपीएसएस: ने आईआईटी-मद्रास के निर्धारित दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है. कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर राममूर्ति ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘लागू दिशा-निर्देश के मुताबिक, छात्र संगठन अपनी गतिविधियों के प्रचार के लिए या आधिकारिक इजाजत के बगैर समर्थन जुटाने के लिये आईआईटी मद्रास या इसी अधिकारिक संस्थाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकता है.’’ उन्होंने बताया, ‘‘इस संगठन ने अपनी बैठक का आयोजन करते हुये दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है.’’ उन्होंने बताया कि इसके चलते संगठन की मान्यता अस्थायी रुप से खत्म की गई है.
संस्थान द्वारा अलग से जारी एक बयान में कहा गया है कि आईआईटी-मद्रास छात्रों की अभिव्यक्ति की आजादी कम नहीं करती है, लेकिन ‘‘यह उम्मीद की जाती है कि छात्र संगठन अपनी गतिविधियों के दौरान इन दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे. कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक आवाजों को बंद करने के लिए यह राज्य और केंद्र सरकार की कोशिश है.‘‘ आप नेता आशुतोष ने कहा कि प्रधानमंत्री पर अपने विचार जाहिर करने का क्या दलित समुदायों के पास अधिकार नहीं है.