कोयला घोटाला : सीबीआइ ने कहा – पूर्व कोयला सचिव ने तत्कालीन प्रधानमंत्री से तथ्य छुपाये

नयी दिल्ली : सीबीआइ ने आज विशेष अदालत के समक्ष कहा कि पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्त ने कथित रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस तथ्य को छुपाया था कि झारखंड सरकार ने विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआइएसयूएल) को कोयला ब्लॉक आबंटित करने की सिफारिश नहीं की थी. मामले में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2015 3:06 PM
an image

नयी दिल्ली : सीबीआइ ने आज विशेष अदालत के समक्ष कहा कि पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्त ने कथित रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस तथ्य को छुपाया था कि झारखंड सरकार ने विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआइएसयूएल) को कोयला ब्लॉक आबंटित करने की सिफारिश नहीं की थी.

मामले में आरोप तय करने को लेकर अपनी दलील में सीबीआइ ने कहा कि शीर्ष अधिकारी को पता था कि राज्य सरकार ने वीआइएसयूएल को कोयला ब्लॉक की सिफारिश नहीं की थी लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई फाइल नोटिंग में इसका जिक्र नहीं किया.

प्रधानमंत्री के पास ही उस समय कोयला मंत्रालय की भी जिम्मेदारी थी. मामला झारखंड में राजहरा उत्तरी कोयला ब्लाक के कोलकाता स्थित वीआइएसयूएल को आबंटन में कथित अनियमितता से जुडा है जिसमें गुप्त, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा और अन्य शामिल हैं.

वरिष्ठ सरकारी अभियोजक वी के शर्मा ने सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर से कहा, ‘गुप्त ने जो फाइल कोयला मंत्री को भेजी उसमें इस बात को रेखांकित नहीं किया कि वीआइएसयूएल की सिफारिश राज्य सरकार ने नहीं की है. लेकिन ए के बसु (झारखंड के तत्कालीन मुख्य सचिव और मामले में आरोपी) ने जांच समिति की बैठक में इस बात पर जोर दिया था कि वीआइएसयूएल को ब्लॉक दिया जाना चाहिए.’

अभियोजक ने आगे कहा, ‘उन्होंने (गुप्त) ने फाइल में यह नहीं लिखा. गुप्त ने कोयला मंत्रालय को भेजे नोटिंग में इसका जिक्र नहीं किया. उन्होंने कोयला मंत्रालय से इस तथ्य को छिपाया.’ पूर्व कोयला सचिव ने 27 मई को अपनी दलील में कहा था कि कोयला मंत्री के नाते सिंह के पास ही कोयला ब्लाक आबंटन के अधिकार थे.

Exit mobile version