मछुआरों के मुद्दे पर हमारे प्रस्ताव पर श्रीलंका की टिप्पणी मददगार नहीं: भारत

नयी दिल्ली: श्रीलंका द्वारा उसके समुद्र क्षेत्र में भारतीय मछुआरों को मछली पकडने की मंजूरी देने संबंधी भारत के प्रस्ताव को खारिज करने के एक दिन बाद केंद्र सरकार ने आज कहा कि वह दोनों पक्षों को स्वीकार एक हल तक पहुंचने के लिए श्रीलंका के साथ काम कर रही है जिसे देखते हुए इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2015 1:43 AM
an image

नयी दिल्ली: श्रीलंका द्वारा उसके समुद्र क्षेत्र में भारतीय मछुआरों को मछली पकडने की मंजूरी देने संबंधी भारत के प्रस्ताव को खारिज करने के एक दिन बाद केंद्र सरकार ने आज कहा कि वह दोनों पक्षों को स्वीकार एक हल तक पहुंचने के लिए श्रीलंका के साथ काम कर रही है जिसे देखते हुए इस तरह की टिप्पणियां ‘मददगार नहीं’ होंगी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम भी श्रीलंकाई मछुआरों के भारतीय समुद्र क्षेत्र में मछली पकडने को लेकर चिंतित हैं. हमारे समुद्र क्षेत्र में श्रीलंका के मछुआरे लगातार पकडे जा रहे हैं. लेकिन हम इसे आजीविका से जुडा एक जटिल मुद्दा मानते हैं जिसका एक मानवीय पहलू है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार भारतीय मछुआरों की सुरक्षा और कल्याण को सबसे ज्यादा महत्व देती है. हम दोनों पक्षों को स्वीकार्य एक हल के लिए श्रीलंका की सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस संदर्भ में इस तरह की टिप्पणियां मददगार नहीं होंगी.’’ गौरतलब है कि कल श्रीलंका के मत्स्य मंत्री महिन्दा अमरवीरा ने भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई समुद्र क्षेत्र में साल में 65 दिन मछली पकडने की अनुमति देने संबंधी भारत के प्रस्ताव को लेकर कहा था, ‘‘65 दिन क्या हम 65 घंटे के लिए भी सहमत नहीं होंगे.’’श्रीलंकाई और भारतीय संगठनों ने मछुआरों के जटिल मुद्दे के हल के लिए कई दौर की बातचीत की है और दोनों पक्षों का कहना है कि यह आजीविका से जुडा एक मुद्दा है जिसका जल्द हल निकलना चाहिए.
Exit mobile version