जयसिंह ने आप सरकार का समर्थन किया, कहा केंद्र की अधिसूचना साफतौर पर असंवैधानिक

नयी दिल्ली : कानून विशेषज्ञों के समूह में शामिल होते हुए प्रख्यात अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने दिल्ली में उप राज्यपाल के साथ चल रही तकरार में आज आप सरकार का समर्थन किया और नौकरशाहों की नियुक्ति में एलजी को पूर्ण शक्तियां देने वाली केंद्र की अधिसूचना को ‘साफतौर पर असंवैधानिक’ करार दिया. उन्‍होंने एक बयान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2015 6:14 AM

नयी दिल्ली : कानून विशेषज्ञों के समूह में शामिल होते हुए प्रख्यात अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने दिल्ली में उप राज्यपाल के साथ चल रही तकरार में आज आप सरकार का समर्थन किया और नौकरशाहों की नियुक्ति में एलजी को पूर्ण शक्तियां देने वाली केंद्र की अधिसूचना को ‘साफतौर पर असंवैधानिक’ करार दिया. उन्‍होंने एक बयान में कहा कि अधिसूचना ने राज्य की विधायी शक्तियां छीनी है क्‍योंकि लोकसेवकों को काम का आवंटन दिल्ली सरकार का एक प्रशासनिक और कार्यकारी कामकाज है.

जयसिंह ने कहा कि 21 मई 2015 की तारीख वाली अधिसूचना केंद्र सरकार और राष्ट्रपति की शक्तियों के क्षेत्राधिकार का उल्लंघन है. दिल्ली सरकार के पास इंटरी 41 द्वारा कवर किये गये विषयों पर कानून बनाने की शक्ति है और इस तरह कार्यकारी शक्तियों का सह अस्तित्व है.

परसों जारी की गई अधिसूचना ने इस बात को भी स्पष्ट कर दिया था कि एलजी को पुलिस और लोक व्यवस्था जैसे मामलों पर मुख्यमंत्री से मशविरा करने की जरुरत नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके विचार से आधार वाक्य (जिस पर अधिसूचना का क्रियात्मक हिस्सा आधारित है) असंवैधानिक है इसलिए क्रियात्मक निर्देश भी साफतौर पर असंवैधानिक है.

आप सरकार द्वारा विचार मांगे जाने पर इससे पहले संविधान विशेषज्ञ केके वेणुगोपाल और पूर्व सॉलीसीटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने कल गजट अधिसूचना के आधार पर सवाल उठाया था जिसे गृह मंत्रालय ने जारी किया था. उन्होंने हैरानगी जताई थी कि क्या इसे राष्ट्रपति की मंजूरी हासिल है. जयसिंह ने कहा कि केंद्र सरकार या राष्ट्रपति के पास सेवाओं से जुडी शक्तियों का इस्तेमाल और कार्य निष्पादन एलजी को सौंपने का कोई अधिकार नहीं है.

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