दिल्ली में ”मेरी मर्जी” की सरकार चला रहे हैं केजरीवाल : भाजपा

नयी दिल्ली : भाजपा ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली में ‘मेरी मर्जी’ की सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारुढ़ आप का प्रदर्शन समन्वय की बजाय टकराव से अधिक घिरा रहा है. गौरतलब है कि आप सरकार के आज 100 दिन पूरे हो गए हैं. भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2015 7:35 PM
an image

नयी दिल्ली : भाजपा ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली में ‘मेरी मर्जी’ की सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारुढ़ आप का प्रदर्शन समन्वय की बजाय टकराव से अधिक घिरा रहा है. गौरतलब है कि आप सरकार के आज 100 दिन पूरे हो गए हैं.

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख सतीश उपाध्याय ने उन विवादों को गिनाया जो फरवरी में शहर में आप सरकार बनने के बाद से हुए हैं. उपाध्याय ने नौकरशाहों की नियुक्ति को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ विवाद, आप की रैली में एक किसान के कथित तौर पर आत्महत्या कर लेने, उसके मंत्री और विधायकों के फर्जी डिग्री के मामलों को रेखांकित करते हुए आरोप लगाया कि आप सरकार चुनावी वादों को पूरे करने में विफल रही है.

उपाध्याय ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, जब से आप सरकार दिल्ली में सत्ता में आई है, कोई समन्वय की राजनीति नहीं हो रही है, सिर्फ टकराव की राजनीति हो रही है. केजरीवाल मेरी मर्जी की सरकार चला रहे हैं और न सिर्फ शासन का मजाक बनाया है बल्कि जनता को ठगा भी है.
उपाध्याय ने सत्तारुढ पार्टी को निशाना बनाते हुए आप का फरेब हैशटैग शुरु किया. उन्होंने कहा, आप ने नियमित नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल के साथ टकराकर नौकरशाही को भी नीचा दिखाया है. प्रशासनिक संकट को और बढाने और शासन से बचने के लिए (विधानसभा का) आपात सत्र बुलाया गया है.
उन्होंने कहा, (आप के) 100 दिन शासन में अराजकता के युग और मानवता की हत्या को दर्शाते हैं, जिसे दिल्ली ने कभी नहीं देखा था. उपाध्याय ने कहा कि केजरीवाल ने ‘मेरी मर्जी’ वाला रवैया अपनाया है, चाहे वह दिल्ली महिला आयोग के साथ विवाद हो या केंद्र, उच्च न्यायालय के आदेश या अपनी ही पार्टी के भीतर के नेताओं के साथ संकट का मामला हो.
उन्होंने कहा, केजरीवाल ने मेरी मर्जी रवैये से मीडिया पर भी नियंत्रण करने का प्रयास किया. वह यह समझने में विफल रहे हैं कि मीडिया योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण से अलग है, जिन्हें आप बाउन्सर संस्कृति का इस्तेमाल कर बाहर फेंक सकते हैं. वे केंद्र सरकार के साथ भी समन्वय करने में विफल रहे.
उपाध्याय ने कहा, विगत 100 दिनों में केजरीवाल और उनके मित्रों ने प्रत्येक संस्था के कार्य करने में खामी पाई है, चाहे वह प्रशासनिक व्यवस्था हो, संवैधानिक निकाय हो, मीडिया या न्यायपालिका. उपाध्याय ने कहा, अब वह संविधान को ही चुनौती देने आगे आए हैं जिसमें केंद्र और केंद्रशासित क्षेत्र के बीच संबंधों से जुडे प्रावधानों को चुनौती दे रहे हैं.
Exit mobile version