भारत को हर साल विभिन्न आपदाओं से 9.8 अरब डालर का नुकसान

नयी दिल्ली : भारत को हर साल विभिन्न आपदाओं से 9.8 अरब डालर का नुकसान होता है. इसका कारण आपदाओं के लिहाज से भारत का संवेदनशील होना है. देश का 58.6 प्रतिशत क्षेत्र भूकंप के दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्र में आता है और 8.5 प्रतिशत भू-भाग चक्रवात के खतरे वाला क्षेत्र में आता है. गृह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2015 6:13 PM

नयी दिल्ली : भारत को हर साल विभिन्न आपदाओं से 9.8 अरब डालर का नुकसान होता है. इसका कारण आपदाओं के लिहाज से भारत का संवेदनशील होना है. देश का 58.6 प्रतिशत क्षेत्र भूकंप के दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्र में आता है और 8.5 प्रतिशत भू-भाग चक्रवात के खतरे वाला क्षेत्र में आता है.

गृह मंत्रालय के एक नोट में कहा गया है कि यूनाइटेड नेशंस आफिस फार डिजास्टर रिस्क रिडक्शंस (यूएनआईएसडीआर) की आपदा जोखिम कमी के बारे में वैश्विक आकलन रिपोर्ट के अनुसार भारत की भौगोलिक स्थिति और उससे जुडे जोखिम के आधार पर विभिन्न प्रकार की आपदाओं से हर साल औसतन 9.8 अरब डालर का नुकसान होता है.
इसमें से बाढ से औसतन हर साल 7.4 अरब डालर का नुकसान होता है. ये आंकडें देश में बाढ की पिछली घटनाओं का विश्लेषण नहीं है और इनकी सरकार ने जांच पडताल नहीं की है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसी किसी एजेंसी को नियुक्त नहीं किया है जो आपदाओं से आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाये.
प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान का आकलन संबंधित राज्य सरकारें करती हैं क्योंकि प्राथमिक रुप से वे प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन के लिये जिम्मेदार होती हैं. नोट के अनुसार शहारी विकास विभाग के तहत भवन निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्घन परिषद द्वारा प्रकाशित भारत की मानचित्रावली के अनुसार भारत आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील है. यहां का 58.6 प्रतिशत क्षेत्र भूकंप प्रवण क्षेत्र, 8.5 प्रतिशत चक्रवात तथा 5 प्रतिशत बाढ के खतरे वाला क्षेत्र है.

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