‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
चंडीगढ़ :हरियाणा के कृषिमंत्री ओमप्रकाश धनखड ने किसानों को कायर बताने संबंधी बयान पर आज मीडिया को सफाई दी. उन्होंने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि किसान द्वारा आत्महत्या करना उचित नहीं है. ऐसा कर वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ अन्याय करते हैं और अपना बोझ पत्नी पर ट्रांसफर कर देते हैं.
उन्होंने कहा कि हरियाणा वीरों की भूमि है और यहां के किसान ऐसा नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य कर रही है. उन्होंने कहा है कि मैं पिछले दस सालों से किसानों के बीच काम कर रहा हूं और ओडिशा व केरल भी किसानों के बीच गया हूं.
ओमप्रकाश धनखड ने कहा कि मीडिया को भी इस पर बहस छेडनी चाहिए. उन्होंने किसानों को राहत देने के लिए की गयी प्रधानमंत्री की घोषणाओं की तारीफ की. धनखड ने कहा कि अगर किसी किसान की इकोनॉमी तबाह हो जाती है, तो वह शून्य से शुरुआत कर सकता है.
किसानों के जले पर नमक छिडकने का सिलसिला जारी है. यह पीडा तब और गहरी हो जाती है, जब किसानों की हित की चिंता करने के लिए जिम्मेवार शख्स ही उन्हें कायर बताने लगे. हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड ने आत्महत्या करने वाले किसानों को कायर करार देकर नया विवाद पैदा कर दिया है.
देशभर के किसान मौसम की मार झेल रहे हैं इतना ही नहीं वे भारी नुकसान के कारण आत्महत्या भी कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.पिछले दिनों दिल्ली के जंतर-मंतर में किसान गजेंद्र सिंह की आत्महत्या का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि हरियाणा के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ के इस बयान से एक नया राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है.
धनखड़ ने किसानों के संबंध में आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा कि जो किसान आत्महत्या करते हैं वो कायर होते हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि मंत्री ने बुधवार को किसानों के सुसाइड करने के संबंध में सवाल पूछने पर कहा कि ‘जो सुसाइड करते हैं, वो कायर लोग होते हैं. यह एक अपराध के जैसा है और सरकार ऐसे लोगों का साथ नहीं दे सकती.’
गौरतलब है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है और यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं. मंत्री के इस बयान को विपक्ष बड़ा मुद्दा बना सकता है. आपको बता दें कि मोदी सरकार पहले ही भूमि बिल और मुआवजे को लेकर सदन से सड़क तक विपक्ष के निशाने पर है और कल से कांग्रेस उपध्यक्ष इस बिल के खिलाफ पदयात्रा पर हैं. उन्होंने मंगलवार को पंजाब के किसानों से मुलाकात भी की है.