नेपाल के भूकंप की ताकत : 20 बड़े परमाणु बमों के बराबर

सेंट्रल डेस्क हिमालय के लामजुंग में आये 7.9 तीव्रता के भूकंप की ताकत 20 बड़े परमाणु बम के बराबर थी. इसमें हर बम जापान के हिरोशिमा शहर पर गिराये गये परमाणु बम से कई गुना बड़ा था. भूकंप की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके आधे घंटे बाद आये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2015 7:20 AM

सेंट्रल डेस्क

हिमालय के लामजुंग में आये 7.9 तीव्रता के भूकंप की ताकत 20 बड़े परमाणु बम के बराबर थी. इसमें हर बम जापान के हिरोशिमा शहर पर गिराये गये परमाणु बम से कई गुना बड़ा था. भूकंप की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके आधे घंटे बाद आये झटकों की तीव्रता भी 6.6 थी. ऐसे करीब 20 झटके महसूस किये गये.

यह और बात है कि ये झटके धीरे-धीरे कमजोर होते गये, लेकिन भूकंप में कमजोर भवन को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया. झटके की तीव्रता बहुत ज्यादा थी, क्योंकि इसका केंद्र धरती की सतह से मात्र 10 किमी नीचे था. विनाश और भयावह होता, यदि क्षेत्र किसी ठोस और विशाल बेडरॉक नहीं होता.

नेपाल की ओर 10 फुट तक खिसक गया भारत

बिहार-नेपाल सीमा पर सन् 1934 के भूकंप के बाद से भारत का एक हिस्सा नेपाल की ओर 12 फुट खिसक चुका है. यह दावा है कोलंबिया यूनिविर्सटी के ‘द लैमोंट दोहर्ती अर्थ ऑब्जर्वेटरी’ में एसोशिएट रिसर्च प्रोफेसर कोलिन स्टार्क का. वह कहते हैं कि लंबे समय से अर्थ प्लेट्स के खिसकने की गति पर नजर रखनेवाले भू-वैज्ञानिकों को मालूम था कि भारत नेपाल और तिब्बत के नीचे हर साल 1.8 इंच की दर से खिसक रहा था.

भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक, लाखों सालों से ‘कन्सर्टिना (एक प्रकार का वाद्य यंत्र, जो दोनों हाथों से दबाने से बजता है) सरीखे हिमालय पर दबाव के चलते उसकी चोटी कई मील बढ़ गयी. यही कारण है कि पाक से म्यांमार तक भूकंप के झटके आते हैं. नेपाल का विनाशकारी भूकंप असामान्य या अप्रत्याशित नहीं था.

उन्होंने कहा कि भारत के खिसकने के चलते नेपाल के नीचे जमीन में काफी मात्र में एनर्जी जमा है. यही एनर्जी विनाशकारी भूकंप का रूप ले लेती है. शनिवार को लगभग 1,000 से 2,000 वर्गमील क्षेत्र में अर्थ प्लेट्स में मूवमेंट हुआ था. इसलिए इतने बड़े भू-भाग में भूकंप का असर देखा गया. इसी दौरान कुछ सेकेंड के भीतर भारत का बड़ा हिस्सा 10 फुट तक खिसक गया.

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