सुप्रीम कोर्ट ने 15 साल पुराने वाहनों पर हरित अधिकरण के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज की
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली की सडकों पर 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने सहित अनेक निर्देशों वाले राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के खिलाफ याचिका आज खारिज कर दी.प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अरुण मिश्र की खंडपीठ ने हरित अधिकरण का आदेश निरस्त करने के लिये एक वकील […]
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली की सडकों पर 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने सहित अनेक निर्देशों वाले राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के खिलाफ याचिका आज खारिज कर दी.प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अरुण मिश्र की खंडपीठ ने हरित अधिकरण का आदेश निरस्त करने के लिये एक वकील की याचिका खारिज करते हुये कहा, ‘‘हमे उसे (अधिकरण) हतोत्साहित नहीं बल्कि उसका सहयोग करना चाहिए.’’ न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय हरित अधिकरण तो सिफ सांविधानिक अदालतों (उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों) द्वारा दिये गये आदेशों को ही दोहरा रहा है.’’
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पिछले साल 26 नवंबर को अपने आदेश में कहा था कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाले 15 साल से अधिक पुराने मोटर वाहनों को सडकों पर चलने की अनुमति नहीं दी जायेगी और जहां कहीं भी इतने पुराने वाहन दिखाई पडेंगे, संबंधित प्राधिकारी उन्हें मोटर वाहन कानून के प्रावधानों के तहत जब्त करने सहित सभी आवश्यक कदम उठायेंगे.
अधिकरण ने कहा था कि 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर खडा करने की अनुमति नहीं होगी और पुलिस उन्हें कानूनी प्रावधानों के अनुसार उठायेगी और उनका चालान करेगी.
अधिकरण ने यह भी कहा था कि यह निर्देश सभी वाहनों पर लागू होगा और किसी भी वर्ग के वाहन को इससे छूट नहीं होगी. इसका तात्पर्य यह था कि इस निर्देश के दायरे में सभी किस्म के वाहन दुपहिया, तिपहिया, चार पहिये वाले और हल्के तथा भारी वाहन आ गये थे.
वकील विशाल श्रीपति जोगदंड ने इस आदेश को विभिन्न आधारों पर शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. याचिका में यह भी कहा गया था कि हरित अधिकरण को जनहित वाली प्रकृति के मामलों की सुनवाई का अधिकार नहीं है.