केंद्र की मंजूरी के बिना राज्यपाल नहीं कर सकते भ्रमण

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्यपालों को अपने संबंधित राज्यों में साल में कम से कम 292 दिन रहना चाहिए और राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना राज्य से बाहर नहीं जाना चाहिए. केंद्र की ओर से ताजा निर्देश तब आया है जब कुछ राज्यपालों का लंबे समय से संबंधित राज्यों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2015 6:37 AM
an image

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्यपालों को अपने संबंधित राज्यों में साल में कम से कम 292 दिन रहना चाहिए और राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना राज्य से बाहर नहीं जाना चाहिए. केंद्र की ओर से ताजा निर्देश तब आया है जब कुछ राज्यपालों का लंबे समय से संबंधित राज्यों से बाहर रहने का मामला सामने आया है.

गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचित 18 बिंदुओं के नये नियमों में कहा गया है कि विदेश यात्र के मामलों में राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए संवाद राष्ट्रपति सचिवालय को एडवांस में छह सप्ताह पहले प्राप्त हो जानी चाहिए. साथ ही निश्चित तौर पर विदेश यात्र से पहले विदेशी चंदा नियमन अधिनियम के तहत और राजनीतिक मंजूरी प्राप्त करनी चाहिए.

नये नियम

कोई भी यात्रा राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना अथवा आकस्मिक या अभूतपूर्व परिस्थितियों में बिना राष्ट्रपति सचिवालय को पूर्व में सूचित किये बिना नहीं की जानी चाहिए. अंतिम क्षणों में यात्र की योजना की स्थिति में राज्यपालों को इसके कारणों को बताना होगा.

राज्य से बाहर यात्रा करने के संबंध में राष्ट्रपति भवन को आग्रह यात्र की तिथि से एक से छह सप्ताह पहले की अवधि में किसी समय भेजना होगा. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यात्र आधिकारिक या निजी है और उन्हें भारत के भीतर या विदेश जाना है.

राज्यपालों को अपने आग्रहों को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंन्द्र मिश्र और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को संबद्ध करना होगा. निजी यात्र को आधिकारिक रूप में नहीं दर्शाया जाये.

राजभवनों को प्रत्येक आधिकारिक यात्रा का ब्योरा राष्ट्रपति को भेजना होगा. ऐसी यात्र की अवधि को कैलेंडर वर्ष के 20 प्रतिशत दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए.

Exit mobile version