‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : संघर्षरत गुटों के कारण तेजी से बिगडते हालात के मद्देनजर यमन से शनिवार को करीब 800 और भारतीयों को निकाला गया. इस अभियान के साथ भारत वहां से अपने 1,800 नागरिकों को अब तक निकाल चुका है. जिबूती से निकाले जाने के अभियान पर नजर रख रख रहे विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह भी यमन के सबसे बडे शहर सना गए जहां से एयर इंडिया के विमान ने उतरने की अनुमति के बाद भारतीयों को निकाला। सिंह आज जिबूती आ गए.
बहरहाल, भारतीयों को निकालने के लिए अदन गया नौसेना का जहाज आईएनएस मुंबई भारी गोलेबारी के कारण बंदरगाह तक नहीं पहुंच पाया और छोटी नौकाओं के जरिए लोगों को जहाज तक लाया गया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘अदन में भारी गोलाबारी हो रही है. जहाज तट से करीब 5-6 किलोमीटर दूर रुका। भारतीय नागरिकों को जहाज पर लाया गया.’’ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यमन में बदतर होते हालात के बावजूद लोगों को निकालने का अभियान जारी है. ‘‘हमें अगले कुछ दिनों में लोगों को निकालने का अभियान पूरा कर लेने की उम्मीद है.’’
सूत्रों ने बताया कि चूंकि सना में अलकायदा के बढते प्रभाव के चलते सुरक्षा हालात अधिक गंभीर हो रहे हैं, ऐसे में भारत को शहर से अपने नागरिकों को निकाल लेने के लिए उडानों के अधिकतम फेरों की इजाजत दी गई है. सूत्रों ने बताया कि नौसेना का जहाज तरकश और दो अन्य वाणिज्यिक जहाज अल हुदयदाह सहित बंदरगाह शहरों से लोगों को निकालने के लिए उपलब्ध है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि 300 से अधिक भारतीयों को सना से निकाला गया है और वे भारत आने के लिए जिबौती पहुंच गए हैं.