नयी दिल्ली : समाजसेवी अन्ना हजारे भूमि अधिग्रहण बिल के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं. उन्होंने बिल के विरोध में अब नयी रणनीति बनायी है. अन्ना सरकार पर अपनी मांग मनवाने और दबाव बनाने के लिए1100 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे. इस पदयात्रा के माध्यम से जगह- जगह किसानों को जागरुक करने का काम किया जायेगा ताकि यह आंदोलन विशाल रूप ले सके.

अन्ना ने पदयात्रा की जानकारी देते हुए कहा, पदयात्रा की शुरुआत वर्धा( महाराष्ट्र)स्थित सेवाग्राम के गांधी आश्रम से शुरु होगी और दिल्ली के रामलीला मैदान में समाप्त होगी. अन्ना इस पदयात्रा को महात्मा गांधी के दांडी मार्च के तर्ज पर आयोजित करना चाहते हैं इस पूरी यात्रा को पूरा होने में तीन महीने का वक्त लगेगा. हालांकि यात्रा कब से शुरु होगी इसकी तिथि अबतक तय नहीं हुआ है. अन्ना ने सेवाश्रम में 9 मार्च को बैठक बुलायी है. इस बैठक के बाद यात्रा की तिथि तय की जायेगी. गौरतलब है कि अन्ना ने पिछले माह दिल्ली के जंतर-मंतर में सरकार के खिलाफ हुए आंदोलन का नेतृत्व किया था. इसे कई किसान संगठनों ने भी समर्थन दिया था.
शुरुआत में मंच पर किसी राजनीतिक दल या उससे संबंधित व्यक्ति को मंच पर आने की इजाजत नहीं है लेकिन बाद में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अन्ना के साथ मंच साझा किया था. लोकसभा में प्रधानमंत्री ने इस बिल पर बदलाव के लिए सहमति जतायी थी, लेकिन अन्ना ने भ्रमित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा था कि सरकार की नीति अंग्रेस के कठोर कानून से भी कड़ा कानून बनाने और किसानों के हितों का ध्यान ना रखने का आरोप लगाया था. अब अन्ना भूमि अधिग्रहण के विरोध में नया आंदोलन खड़ा करने की कोशिश हैं.