17.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 11:35 pm
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

क्या नरेंद्र के सपनों को प्रभु और अरुण अपने बजट में दे पायेंगे उड़ान?

Advertisement

नयी दिल्ली : आज नरेंद्र मोदी सरकार का पहला पूर्ण रेल बजट आने वाला है. हालांकि परफार्मर माने जाने वाले रेलमंत्री सुरेश प्रभु का यह पहला रेल बजट होगा. पिछले साल नरेंद्र मोदी सरकार बनने पर सदानंद गौड़ा ने रेलमंत्री के रूप में बजट प्रस्तुत किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निजी तौर पर मानते हैं […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : आज नरेंद्र मोदी सरकार का पहला पूर्ण रेल बजट आने वाला है. हालांकि परफार्मर माने जाने वाले रेलमंत्री सुरेश प्रभु का यह पहला रेल बजट होगा. पिछले साल नरेंद्र मोदी सरकार बनने पर सदानंद गौड़ा ने रेलमंत्री के रूप में बजट प्रस्तुत किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निजी तौर पर मानते हैं कि रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकती है, इसलिए उन्होंने गौड़ा से यह अहम मंत्रलय लेकर शानदार कामकाज का रिकार्ड रखने वाले सुरेश प्रभु को सौंपा. ऐसे में सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं रेलमंत्री रेलवे की दशा-दिशा बदलने के लिए क्या पहल करेंगे.
सुरेश प्रभु रेल मंत्रलय का कामकाज संभालने के बाद रेलवे के ढांचे को सुधारने के लिए भरपूर मेहनत कर रहे हैं. प्रभु की कार्यशैली को जानने वालों का मानना है कि वे फौरी उपाय करने के बजाय रेलवे के ढांचे को सुधारने के लिए दूरगामी प्रभाव डालने वाले कदम उठायेंगे. संभावना जतायी जा रही है कि डीजल मूल्य में काफी कटौती होने के बावजूद रेलमंत्री सुरेश प्रभु रेल भाड़े में कोई कटौती नहीं करेंगे. नये ट्रेनों की संख्या भी 100 के अंदर रहने की ही संभावना जतायी जा रही है. रेलमंत्री रेलवे में 2019 तक संपूर्ण स्वच्छता को लागू करने के लक्ष्य को पा लेने के लिए और वैकल्पिक ऊर्जा के प्रयोग के बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने की घोषणा करेंगे. यह रेल बजट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के स्वरूप को भी इंगित करने वाला है.
आज के रेल बजट के ठीक दो दिन बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली अपना पहला पूर्ण आम बजट पेश करेंगे. जेटली के इस पूर्ण बजट पर भी लोगों की नजरें टिकी हुई हैं और इसकी तुलना डॉ मनमोहन सिंह के वित्तमंत्री के रूप में 1992 में पेश किये गये पहले पूर्ण बजट से की जायेगी. 1991 के बजट को देश की अर्थव्यवस्था की दशा-दिशा के लिए परिवर्तनकारी माना गया. नरेंद्र मोदी अपने चुनावी सभाओं नये दौर में देश को आर्थिक मोर्चे पर तेज बढ़त हासिल करने के लिए ऐसे ही निर्णायक कदम उठाने की बात करते रहे हैं. एक वर्ग का यह भी मानना है कि अरुण जेटली का बजट डॉ मनमोहन सिंह के बजट से बदलाव के लिहाज से और अधिक अहम होगा. जब डॉ मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्रलय संभाला था, उस समय उनके समक्ष की 8.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटे से निबटना बहुत बड़ी चुनौती थी और मौजूदा वित्तमंत्री अरुण जेटली भी राजकोषीय घाटे को कम करने का संकल्प बार-बार दोहराते रहे हैं.
सुधारों के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार की जल्दबाजी का आकलन इस बात से भी किया जा सकता है कि संसद के शीतकालीन सत्र में कई अहम विधेयकों को पारित करवाने में असफल रहने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्र के समापन के महज डेढ़ हफ्ते में अध्यादेशों की झड़ी लगा दी और भूमि अधिग्रहण, खदानों की नीलामी व मेडिकल सेक्टर सहित अन्य बिंदुओं पर लगभग आधा दर्जन अध्यादेश लाये. अन्य अध्यादेश फार्मा सेक्टर, ई-रिक्शा, ओसीआइ व पीओआइ कार्ड से संबंधित है. संसद सत्र के पहले दिन इसे सरकार ने संसद में भी रखा.
केंद्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर और राज्यों की राजस्व हिस्सेदारी को 32 से बढ़ा कर 42 प्रतिशत करने का एलान कर यह संकेत दे दिया है कि वह अपने विकास एजेंडे में राज्यों की भागीदारी चाहती है. वित्तमंत्री अरुण जेटली भारतीय कर प्रणाली को अधिक सरल व पारदर्शी बनाने की कोशिश भी कर रहे हैं. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के अभिभाषण में भी इस बात का उल्लेख किया गया कि सरकार कर प्रणाली को अधिक कारगर और सरल बनाने के उपाय किये हैं. व्यय प्रबंधन व खर्च कटौती जैसे अहम बिंदुओं पर भी सरकार का जोर है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें