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तीस्ता सितलवाड की गिरफ्तारी पर 19 फरवरी तक लगी रोक

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नयी दिल्ली : गुलबर्ग सोसाइटी गबन मामले में सुप्रीम कोर्ट से सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सितलवाड और उनके पति को 19 फरवरी तक राहत मिल गयी. उनके बेल से संबंधित याचिका पर अब अदालत 19 फरवरी को सुनवायी करेगी. तबतक उनकी और उनके पति की पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर सकेगी. इससे पहले गुजरात हाइकोर्ट ने गुरु […]

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नयी दिल्ली : गुलबर्ग सोसाइटी गबन मामले में सुप्रीम कोर्ट से सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सितलवाड और उनके पति को 19 फरवरी तक राहत मिल गयी. उनके बेल से संबंधित याचिका पर अब अदालत 19 फरवरी को सुनवायी करेगी. तबतक उनकी और उनके पति की पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर सकेगी. इससे पहले गुजरात हाइकोर्ट ने गुरु वार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद और अन्य की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इस मामले में गुजरात दंगा पीडितों की मदद के लिए जमा किये गये करीब डेढ करोड रु पये गबन करने का आरोप है. कल गुजरात हाइकोर्ट के फैसले के कुछ देर बाद सर्वोच्च न्यायालय ने एक दिन के लिए तीस्ता सितलवाड की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.
उधर, सितलवाड के वकील व सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने इस मामले में गुजरात सरकार पर परेशान करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में गुजरात दंगों का खुलासा करने में अहम भूमिका निभायी थी.
कल गुजरात हाइकोर्ट के जस्टिस जेबी परदीवाला ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपी इस मामले में सहयोग नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगा रहा है कि ट्रस्ट के फंड का इस्तेमाल निजी कामों के लिए किया गया, इसलिए इन्हें अिग्रम जमानत का सुरक्ष कवच नहीं दिया जा सकता है.

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