चुनावी सर्वे में आप सबसे आगे, केजरीवाल फिर बन सकते हैं दिल्‍ली के मुख्यमंत्री

नयी दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन जैसे – जैसे नजदीक आ रहे हैं यहां चुनावी पारा चढ़ता जा रहा है. पिछले कई सर्वे में भाजपा से मात खाती नजर आ रही आम आदमी पार्टी अब ताजा ओपिनियन पोल में भाजपा को मात देती नजर आ रही है. ताजा सर्वे के अनुसार भाजपा मुख्यमंत्री पद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2015 11:06 PM
an image

नयी दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन जैसे – जैसे नजदीक आ रहे हैं यहां चुनावी पारा चढ़ता जा रहा है. पिछले कई सर्वे में भाजपा से मात खाती नजर आ रही आम आदमी पार्टी अब ताजा ओपिनियन पोल में भाजपा को मात देती नजर आ रही है. ताजा सर्वे के अनुसार भाजपा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा के बाद अपनी वही लोकप्रियता कायम रखने में असफल रही. एबीपी न्यूज -नील्सन के सर्वे में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आगे है. वहीं इंडिया टुडे ग्रुप और सिसेरो के पोल ने भी केजरीवाल की सरकार बनने की तरफ इशारा किया है.

आप इन सभी सर्वे में पहले से बेहतर स्थिति में है. इंडिया टुडे ग्रुप और सिसेरो के अनुसार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी. इस पार्टी को 38 से 46 सीटें मिल सकती है और इन सीटों के दम पर आप बहुमत की सरकार बना सकती है. एबीपी और निल्सन के सर्वे के अनुसार 44 फीसदी लोग मुख्यमंत्री पद के लिए अरविंद केजरीवाल को उपयुक्त मानते हैं. भारतीय जनता पार्टी की सीटों में भी इस ओपिनियन पोल में कमी आयी है एबीपी और निल्सन के सर्वे के अनुसार भाजपा महज 19 से 25 सीटों पर सिमट सकती है.
दूसरी तरफ कांग्रेस सभी सर्वे में पिछड़ती नजर आ रही है. अपनी मजबूत सीटों पर कांग्रेस ने जोरदार प्रचार किया है. इस प्रचार का फायदा कांग्रेस को कितना मिलेगा यह तो चुनाव के नतीजे ही साबित करेंगे, लेकिन सर्वे कांग्रेस की मेहनत पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं. एबीपी और निल्सन के सर्वे में बताते हैं कि कांग्रेस को तीन से सात सीटें मिल सकती है. इंडिया टूडे और सिसेरो भी कांग्रेस के लिए यही आकड़ा लेकर आयी है. इस सर्वेक्षण के बाद आप उत्साहित है, तो भाजपा और कांग्रेस इस उम्मीद में है कि नतीजा इन सर्वेक्षणों के उलट होगा. चुनाव में ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल के जरिये जनता के नब्ज को मापने की कोशिश जरूर की जाती है, लेकिन यह कितनी सफल हुई और इस चुनाव के अनुमानों में यह सर्वे कितना सफल होगा इसका पता तो चुनाव नतीजों के बाद ही चलेगा.
Exit mobile version