एस जयशंकर ने संभाला विदेश सचिव का पदभार, बोले – सरकार की प्राथमिकता ही मेरी प्राथमिकता

नयी दिल्ली :एस जयशंकर ने आज सुबह अपना पदभार संभाल लिया. पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता ही मेरी प्राथमिकता है. बुधवार की रात ही कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने उन्हें देश का विदेश सचिव बनाने का निर्णय लिया था. अमेरिका में भारत के राजदूत एस जयशंकर को बुधवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2015 11:26 PM
an image

नयी दिल्ली :एस जयशंकर ने आज सुबह अपना पदभार संभाल लिया. पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता ही मेरी प्राथमिकता है. बुधवार की रात ही कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने उन्हें देश का विदेश सचिव बनाने का निर्णय लिया था.

अमेरिका में भारत के राजदूत एस जयशंकर को बुधवार रात अचानक सुजाता सिंह को हटाते हुए उनके स्थान पर नया विदेश सचिव नियुक्त कर दिया गया. 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी जयशंकर की सेवानिवृत्ति में केवल दो दिन का समय बचा था. उन्होंने आज यहां अपना पदभार संभाल लिया है और नियमों के अनुसार उनका कार्यकाल दो साल का होगा. पिछले वर्ष अमेरिका में राजदूत नियुक्त किए जाने से पूर्व जयशंकर चीन में भारत के राजदूत थे.

सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान और हाल ही में संपन्न अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जयशंकर को विदेश सचिव के पद पर नियुक्त किए जाने का फैसला यहां कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति में लिया गया. समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की.

देर रात जारी किए गए संक्षिप्त आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अगस्त 2013 में तीसरी महिला विदेश सचिव के रुप में पदभार संभालने वाली सुजाता के कार्यकाल में तत्काल प्रभाव से ‘‘कटौती’’ कर दी गयी है. उनके कार्यकाल के अभी आठ महीने बचे थे. आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया कि सुजाता सिंह को सरकार द्वारा कोई अन्य जिम्मेदारी नहीं दी गयी है. सूत्रों ने बताया कि अमेरिका में भारत के नए राजदूत की नियुक्ति जल्द की जाएगी.

भारत के प्रमुख रणनीतिक विश्लेषकों में से एक स्वर्गीय के सुब्रमण्यम के पुत्र 60 वर्षीय जयशंकर ऐतिहासिक भारत अमेरिका परमाणु करार को अंजाम तक पहुंचाने वाली भारतीय टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे.

अन्य पदों के अलावा , जयशंकर सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त और चेक गणतंत्र में भारत के राजदूत रहे हैं. इससे पहले , एक अन्य विदेश सचिव ए पी वेंकटरमन को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अचानक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा कर पद से हटा दिया था. इस घोषणा से बडा विवाद पैदा हो गया था और विदेश सेवा द्वारा इस कदम का कडा विरोध किया गया था.

Exit mobile version