‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा यात्रा के दौरान कई अहम मुद्दे पर बातचीत कर सकते हैं. 25 जनवरी से शुरू होने वाली ओबामा की तीन दिवसीय भारत यात्रा में लंबे समय से चल रहा ऐतिहासिक असैन्य परमाणु करार का मुदृदा भी अहम माना जा रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन ने बताया कि अनुसार दोनो देशों के वर्ताकार असैन्य परमाणु मुद्दे का समाधान निकालने के तहत ठोस सहमति बनाने पर काम कर रहे हैं.
इससे पहले, अमेरिका के तरफ से कहा गया था कि यह भारत को दिए गये गए परमाणु मैटेरियल को ट्रैक करना चाहता है. इस मुद्दे पर भारत ने असहमति जताते हुए अमेरिका की इस मांग को गैर-जरूरी करार दिया था.
परमाणु मुदृदे पर पूछे जाने पर सैय्यद अकबरुद्दीन ने बताया कि दोनों देश के वार्ताकार लंदन में सामूहिक तौर पर मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर सहमति बनाने के लिए दोनों देश लगातार संपर्क में हैं. अकबरुद्दीन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के द्वारा गठित संपर्क समूह पिछले डेढ़ महीने में लगातार तीसरी बार वार्ता कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि परमाणु करार मुद्दे पर दोनों समूह प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर बातचीत कर रहा है. भारतीय समूह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए भारत की इच्छा को मूर्त रूप देने पर सहमति बनाने का प्रयास कर रहा है. अकबरुद्दीन ने बताया कि भारत यात्रा पर ओबामा नरेंद्र मोदी के साथ आर्थिक, रक्षा, आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद और रक्षा तकनीकी जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत करेंगे.
जानकारों को मानना है कि ओबामा के भारत यात्रा पर देशको कई तरह की आर्थिक और सामरिक सहायता मिल सकती है. वहीं कई अहम मुदृदे पर सहमति बनने से दोनों देशों के बीच संबंधों में और करीबी आएगी.