नयी दिल्ली: आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं के मीडिया कवरेज के लिए जल्द ही नियम बनाये जाने के संकेत देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि इस मुद्दे पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.
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जेटली ने दिए संकेत, मीडिया कवरेज के लिए नियम तय कर सकती है सरकार
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नयी दिल्ली: आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं के मीडिया कवरेज के लिए जल्द ही नियम बनाये जाने के संकेत देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि इस मुद्दे पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. प्रथम न्यायमूर्ति जे एस वर्मा स्मृति व्याख्यान देते हुए जेटली ने यह भी कहा […]
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प्रथम न्यायमूर्ति जे एस वर्मा स्मृति व्याख्यान देते हुए जेटली ने यह भी कहा कि मीडिया संस्थानों पर पाबंदी का समय नहीं रहा है और प्रौद्योगिकी के चलते सेंसरशिप असंभव हो गयी है.उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सुरक्षा एजेंसियों के आतंकवाद निरोधक अभियानों को कवर किया जाता है, वह वर्तमान में मीडिया की जिम्मेदारी के लिहाज से एक महत्वपूर्ण विषय है.
जेटली ने कहा कि सवाल यह उठता है कि मीडिया को सीधे मौके पर जाने की अनुमति होनी चाहिए या कुछ प्रतिबंध होने चाहिए.मंत्री के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने दावा किया था कि मुंबई में 26-11 के आतंकवादी हमलों के दौरान ही उनके मीडिया कवरेज से हमलावरों के आकाओं को मदद मिली और उन्हें इस बात की सूचना मिलती रही कि सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रहीं हैं.
जेटली ने कहा, ‘‘हमारी सुरक्षा एजेंसियों और रक्षा मंत्रालय का स्पष्ट मत है कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती. और इसलिए जिस समय सुरक्षा अभियान चल रहा हो, उस सीमित अवधि में घटनास्थल से रिपोर्टिंग के तरीके पर बहुत सख्त अनुशासन बनाकर रखना होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर सरकार गंभीरता से और बहुत आगे की सोच के साथ विचार कर रही है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि परंपरागत तरीके से जहां सोचा जाता है कि किसी अखबार या चैनल पर पाबंदी लगाई जा सकती है लेकिन सचाई यह है कि प्रतिबंध के दिन लद गये हैं. अब विज्ञापन देने से मना करके मीडिया संस्थानों पर दबाव बनाना बहुत मुश्किल है.
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