धार्मिक असहिष्णुता को सिर उठाते ही कुचलने की जरुरत : अदालत
नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि धार्मिक असहिष्णुता की बढती घटनाओं को सिर उठाते ही कुचलना होगा और इस तरह की चीजें आग की तरह फैलने से देश में समस्या हो सकती है. आमिर खान की सुपरहिट फिल्म ‘पीके’ के खिलाफ दाखिल एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश […]
नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि धार्मिक असहिष्णुता की बढती घटनाओं को सिर उठाते ही कुचलना होगा और इस तरह की चीजें आग की तरह फैलने से देश में समस्या हो सकती है. आमिर खान की सुपरहिट फिल्म ‘पीके’ के खिलाफ दाखिल एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति आर एस एंडला की पीठ ने कहा, ‘मौजूदा याचिका देश में असहिष्णुता के बढते प्रचलन को दर्शाती है और इस तरह के चलन को सिर उठाते ही कुचलना होगा, अन्यथा यह जंगल की आग की तरह फैल सकता है और देश में समस्या खडी कर सकता है.’
पीठ ने यह भी कहा कि संविधान में किसी भी कलाकार को सामाजिक वास्तविकता को कला के किसी भी स्वरुप में चित्रित करने का अधिकार मिला है. दर्शक सोच समझकर फिल्म देखना पसंद करते हैं और जिन्हें किसी विशेष फिल्म की विषयवस्तु से आपत्ति है, उन्हें इसे नहीं देखने की पूरी आजादी है.