नयी दिल्ली: अमेरिकी कैब सेवा प्रदाता उबर के चालक द्वारा कथित तौर पर बलात्कार का शिकार हुई महिला ने आज दिल्ली की एक अदालत से कहा कि आरोपी ने उसके साथ जबर्दस्ती की और यह ‘‘आपसी सहमति’’ से किया गया कृत्य नहीं था.जिरह के दौरान अपने रख पर दृढ रहते हुए महिला ने विश्वास के साथ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष गवाही दी. वह काले रंग का बुर्का पहनकर अदालत में उपस्थित हुई थी और इस दौरान शांत रही.
उसके साथ जिरह आज पूरी हो गई. अदालत सूत्रों ने बताया कि 27 वर्षीय पीडिता का बयान बंद कमरे में सुनवाई के दौरान दर्ज किया गया था. उससे आरोपी शिव कुमार यादव के वकील ने लगातार दो दिन में चार घंटे से अधिक समय तक जिरह किया.
सूत्रों ने बताया कि पीडिता ने बचाव पक्ष के वकील की बातों का खंडन किया कि पूरा कृत्य ‘‘आपसी रजामंदी’’ से था और अदालत से कहा कि यादव ने उसके साथ जबर्दस्ती की और वह कार का दरवाजा खोलने में सक्षम नहीं थी.
वह अपने पुराने बयान पर कायम रही जो उसने विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव द्वारा परीक्षण के दौरान दिया था.
अदालत ने उसका बयान दर्ज कने के बाद मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 जनवरी को निर्धारित कर दी. उस दौरान तीन चिकित्सा अधिकारियों समेत पांच गवाहों के बयान दर्ज किए जाने की संभावना है.
इससे पहले जिरह के दौरान महिला ने कहा था कि पांच दिसंबर 2014 की रात को जब कथित तौर पर घटना हुई थी तो उसने शोर मचाया था लेकिन वह खुद को बचा नहीं सकी क्योंकि यादव ने उसे अपने वश में कर लिया था और उससे बलात्कार किया.
पीडिता से जिरह के दौरान 32 वर्षीय यादव अदालत में मौजूद था और बयान दर्ज किए जाने के बाद उसने अदालत से शिकायत की कि सुनवाई के लिए वैन में लाए जाने के दौरान उसे धमकाया जा रहा था.
अदालत ने दिल्ली पुलिस और तिहाड जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे यादव को सुरक्षा प्रदान करें. यादव की इससे पहले अदालत में महिला ने उस व्यक्ति के तौर पर पहचान कर ली थी जिसने पांच दिसंबर 2014 की रात को कथित तौर पर उससे बलात्कार किया था.