जयपुर: संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूनीडो) के महानिदेशक ली योंग ने आज कहा कि ‘‘2015 के बाद के वैश्विक विकास एजेंडा’’ के लिए हमें समावेशी एवं स्वस्थ औद्योगिक विकास पर बल देने आवश्यकता है. उनके अनुसार इस काम में इसमें निजी क्षेत्र एवं स्वंयसेवी संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं.
Advertisement
वैश्विक विकास एजेण्डा के लिए समावेशी एवं स्वस्थ औद्योगिक विकास की जरुरत
Advertisement
![2015_1largeimg217_Jan_2015_200015133](https://pkwp184.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/01/2015_1largeimg217_Jan_2015_200015133.jpeg)
जयपुर: संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूनीडो) के महानिदेशक ली योंग ने आज कहा कि ‘‘2015 के बाद के वैश्विक विकास एजेंडा’’ के लिए हमें समावेशी एवं स्वस्थ औद्योगिक विकास पर बल देने आवश्यकता है. उनके अनुसार इस काम में इसमें निजी क्षेत्र एवं स्वंयसेवी संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. योंग यहां भारतीय उद्योग […]
![Audio Book](https://pkwp184.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2025/01/audio-book-1.png)
ऑडियो सुनें
योंग यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की पार्टनरशिप समिट के तीसरे दिन अन्तिम सत्र को संबोधित कर रहे थे. इसक विषय था ‘2015 के बाद के वैश्विक विकास एजेंडा’. उन्होंने कहा कि स्वस्थ विकास एजेंडा को वैश्विक स्तर पर और फैलाने की आवश्यकता है ताकि पूरी दुनिया में लोगों के लिए स्वच्छ पेयजल, शिक्षा व गरीबी से निपटने की आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके. इसके लिए मिलकर प्रयास करने होंगे.
उन्होंने विकास में पर्यावरण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि विकास अगर पर्यावरण की लागत पर होता है तो वह लडाई जीतने, लेकिन युद्घ हारने जैसा है. उन्होंने कहा कि विकास में नवीकरणीय ऊर्जा तथा ऊर्जा संरक्षण तकनीक का प्रयोग किया जाए तो वैश्विक विकास सही मायनों में अपना उद्देश्य हासिल करेगा.
सम्मेलन में फिजी के अटॉर्नी जनरल एवं वित्त मंत्री अयाज सईइ खैयूम ने कहा कि नवम्बर-2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फिजी की यात्र के दौरान संसद में सतत विकास की अपनी प्रतिबद्घता को दर्शाया था जिसकी हम सराहना करते हैं. खैयूम ने संयुक्तराष्ट्र के सहस्राब्दि सम्मेलन में तय विकास के लक्षों (एमडीजी) की चर्चा करते हुए कहा कि जिन देशों में लक्ष्य पूरे नहीं हो पाये हैं उनमें नीति निर्धारण को प्रभावी बनाया जाना चाहिए तथा किसी भी देश को निवेश एवं तकनीक के मामले में छोटा नहीं समझा जाना चाहिए.
कबोडिया के वाणिज्य मंत्री पान सोरासेक ने भारत की ‘मेक इन इंडिया’ तथा लुक ईस्ट (पूर्वी देशों की ओर उन्मुख) नीति की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह की नीतियों से निवेश को बढावा मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने एमडीजी को प्राप्त करने के लिए सरकार की सुशासन एवं जवाबदेही पर भी जोर दिया तथा निवेश की स्थितियां बिगाडने में भ्रष्टाचार को जिम्मेदार बताया.
बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्रालय अतिरिक्त सचिव, मनोज कुमार रॉय ने कहा कि स्वस्थ विकास के लिए अर्थव्यवस्था, समाज तथा पर्यावरण महत्वपूर्ण होते हैं इन तीनों पहलुओं को आपस में सामजंस्य बिठाकर सतत एवं समावेशी विकास की प्राप्ति की जा सकती है.
सीआईआई की नव्यकरणीय ऊर्जा समिति के सदस्य मुधूसूदन खेमका ने कहा कि एमडीजी के सभी बिंदुओं में सबसे अधिक महत्वपूर्ण सतत विकास का बिन्दु है, नव्यकरणीय ऊर्जा वर्तमान समय में एक अनुसंधान न होकर सामाजिक आवश्यकता है जिससे उत्पादन की लागत भी कम की जा सकती है तथा पर्यावरण भी संरक्षित किया जा सकता है.
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition