फ्रांस हमले को सही ठहराने वाले पूर्व मंत्री कुरैशी पर मामला दर्ज, इनाम वाले बयान से पलटे

नयी दिल्‍ली : फ्रांस में साप्‍ताहिक पत्रिका शार्ली एब्दो पर हुए आतंकी हमले पर दिए अपने विवादित बयान को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बसपा नेता हाजी याकूब कुरैशी अब कानूनी पचड़े में फंस गये हैं. याकूब के खिलाफ धारा 505 के तहत मेरठ के थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2015 7:30 AM
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नयी दिल्‍ली : फ्रांस में साप्‍ताहिक पत्रिका शार्ली एब्दो पर हुए आतंकी हमले पर दिए अपने विवादित बयान को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बसपा नेता हाजी याकूब कुरैशी अब कानूनी पचड़े में फंस गये हैं. याकूब के खिलाफ धारा 505 के तहत मेरठ के थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

मेरठ पुलिस का कहना है कि जांच के बाद जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने कहा कि इस बयान की पूरी जांच की जा रही है. यह बयान कहां दिया गया और कब दिया गया. हालांकि बसपा ने इस बयान से कन्‍नी काट ली है और खुद याकूब भी बयान को तोड़-मरोड़ पर पेश करने की बात कर रहे हैं. याकूब ने फ्रांस में हुए हमले को सही ठहराया है और आतंकियों को 51 करोड़ रुपये इनाम देने की भी घोषणा कर डाली है.

क्‍या कहा था हाजी याकूब कुरैशी ने

हाजी कुरैशी ने कहा, ‘पैगंबर की शान से छेड़छाड़ करने वाला सिर्फ मौत का हकदार है और ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने की कोई जरूरत नहीं है. रसूल के आशिक (पैगंबर को मानने वाले) ही उन्हें सजा देंगे.’ याकूब ने कहा कि पैरिस की मैगजीन लगातार धर्म के साथ छेड़छाड़ कर रही थी, इसीलिए उनके पत्रकारों के साथ ऐसा सुलूक हुआ है.

इससे पहले डेनमार्क के कार्टूनिस्ट के कार्टून बनाने और मैगजीन में छपने के बाद याकूब कुरैशी ने वर्ष 2006 में घोषणा की थी कि उस कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ का इनाम दिया जाएगा. याकूब के इस बयान से उस समय हलचल मच गई थी.

याकूब अब फिर कह रहे हैं कि उन्होंने अपने धर्म के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ घोषणा की थी और पैरिस में जो हुआ, वह गलत नहीं है. याकूब का कहना है कि यह उनके धर्म से जुड़ा मामला है और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. डेन कार्टूनिस्ट के विवादस्पद कार्टून को शार्ली एब्दो ने भी 2007 में छापा था. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब इस नरसंहार की दुनिया भर में कड़ी निंदा हो रही है.

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