लखनऊ : एक तरफ जहां देश में धर्मांतरण का मुद्दा गर्माया हुआ है, वहीं दूसरी तरफ एक हिंदूवादी संगठन अखिल भारतीय हिंदू महासभा (एबीएचएम) द्वारा गोडसे की पूजा किये जाने की घोषणा इस मुद्दे को औरतूल दे सकती है. हिंदू महासभा ने महात्‍मा गांधी के हत्‍यारे नाथूराम विनायकगोडसे का मंदिर स्‍थापित करने की घोषणा की है.
एबीएचएम ने इसके लिए लखनऊ से सटे सीतापुर जिले के सिधौली पारा गांव में मंदिर की जमीन भी खरीद ली है. संगठन ने मंदिर के निर्माण कार्य शुरू करने का दिन 30 जनवरी को तय किया है. यह वहीं दिन है जब महात्‍मा गांधी को गोली मारी गयी थी.
हिंदू महासभा के प्रवक्‍ता शरद गुप्‍ता ने बताया कि गोडसे की अस्थि पुणे में रखी हुई है जिसे ‘कलश यात्रा’ के माध्‍यम से सीतापुर लाया जाएगा. सीतापुर उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की से 100 किमी की दूरी पर है. इस वक्‍त अस्थि गोडसे की भतीजी हिमानी सावरकर के पास है.
अंगेजी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार मंदिर के लिए खरीदी गयी जमीन कमलेश तिवारी नाम के व्‍यक्ति के नाम पर है, जो फिलहाल हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्‍यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं. यह वहीं जमीन है जिस पर इससे पहले भारत माता मंदिर बनाने की योजना थी.
गुप्‍ता ने केंद्र सरकार आरोप लगाते हुए कहा भाजपा भी कांग्रेस की ही तरह हिंदूवादी मुद्दों पर अपनी दिलचस्‍पी नहीं दिखा रही है. इसीलिए हिंदू महासभा ने गोडसे का मंदिर बनाने का निर्णय लिया है.गोडसे के साथ हिंदू महासभा वीर सावरकर की भी प्रतिमा स्‍थापित करने पर विचार कर रही है. सावरकर हिंदू महासभा के अध्‍यक्ष रह चुके हैं. उन्‍होंने धर्मांतरण कर चुके हिंदुओं के पुन: धर्म परिवर्तन कराने की वकालत की थी.