अहमदाबाद: भूमि अधिकारों के लिए लडने वाले गांधीवादी नेता चुन्नीभाई वैद्य का आज बडी उम्र से जुडी समस्याओं के चलते निधन हो गया. गुजरात में लोग प्यार से उन्हें ‘चुन्नी काका’ कहकर बुलाते थे.

उनके सहयोगियों ने बताया कि 97 वर्षीय वैद्य ने आज सुबह अपने घर में आखिरी सांस ली. वैद्य के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं गांधीवादी श्री चुन्नीभाई वैद्य के निधन से व्यथित हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें.’’ उनके परिवार में पुत्री-दामाद और नवासे नवासियां हैं. उनका अंतिम संस्कार वदाज क्षेत्र में दोपहर बाद दधीचि श्मशानघाट पर किया जाएगा. रविवार को गांधी आश्रम में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा.

कई अन्य नेताओं ने वैद्य के निधन पर शोक व्यक्त किया जिनमें सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात ने गांधीवादी सोच का एक हिमायती को खो दिया.
स्वतंत्रता सेनानी वैद्य ने विनोबा भावे के भूदान आंदोलन में बढ चढकर भाग लिया था. साठ के दशक के मध्य में असम में हिंसा के दौरान उन्होंने बारह साल तक शांति कार्यकर्ता के रुप में काम किया था.
वह 1975 में लगाए गए आपातकाल के मुखर विरोधी रहे और जेल भी गए. उन्हें ‘साणो गुरुजी निर्भय पत्रकारिता’ और विश्व गुजराती समाज के ‘विश्व गुजराती प्रतिभा’ सम्मान से भी नवाजा गया.