पर्रिकर ने कहा, आतंकी हमलों से निपटने के लिए करारा जवाब देना होगा
नयी दिल्ली: कश्मीर में आतंकी हमलों में 11 सुरक्षाकर्मियों की मौत के एक सप्ताह बाद और संसद पर हमले की बरसी से एक दिन पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे और भारत को इस तरह की ‘‘बेहया कोशिशों’’ पर अंकुश लगाने के लिए ‘‘करारा जवाब’’ देना होगा. […]
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नयी दिल्ली: कश्मीर में आतंकी हमलों में 11 सुरक्षाकर्मियों की मौत के एक सप्ताह बाद और संसद पर हमले की बरसी से एक दिन पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे और भारत को इस तरह की ‘‘बेहया कोशिशों’’ पर अंकुश लगाने के लिए ‘‘करारा जवाब’’ देना होगा.
रक्षा मंत्री ने कल कश्मीर का दौरा किया था. उन्होंने कहा कि छह माह के भीतर हालात में बदलाव आएगा क्योंकि सरकार ने इस संबंध में कई कदमों की योजना बनाई है. उन्होंने इस सिलसिले में विस्तार से जानकारी नहीं दी.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कोई करारा जवाब दिया जाना चाहिए जिससे इस तरह की बेहया कोशिशों पर हमेशा के लिए रोक लगे और या कम से कम इनमें कमी आए. यह एक खुला रहस्य है कि वह (आतंकवादी) पाकिस्तान से आए थे. आप अगले छह महीने में बदलाव देखेंगे.’’ रक्षा मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के हमलों के प्रति भारत के जवाब कारगर हैं? उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता जम्मू कश्मीर में वतन की हिफाजत कर रहे सशस्त्र बलों को उचित साजोसामान और समर्थन मुहैया कराना है.
उन्हें याद दिलाया गया कि पाकिस्तान के पास परमाणु शक्ति है और ऐसे में भारत सरकार कारगर जवाब कैसे दे सकती है, रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘परमाणु ताकत हमें संयम बरतने को कहती है.’’ आज तक के एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं पूर्ण युद्ध की बात नहीं कर रहा. पूर्ण युद्ध एक पूरी तरह से अलग बात है. लेकिन अगर ऐसे कुछ स्थान है, जहां से आतंकवादी आते जाते है, जो लोग हैं, जो ऐसा करते हैं. मुङो लगता है कि उन लोगों पर दबाव बनाया जाना चाहिए.’’
कश्मीर घाटी में पिछले सप्ताह आतंकवादियों ने चार आतंकी हमले किए. उरी में सेना के शिविर में घुसकर उन्होंने एक लेफ्टिनेंट कर्नल सहित 11 सुरक्षाकर्मियों की जान ले ली और त्रल में एक अन्य हमले में दो नागरिकों को मार डाला. राज्य में विधानसभा चुनाव में तीसरे दौर के मतदान से पहले यह हमला किया गया.
रक्षा मंत्री ने कहा कि उग्रवाद की समस्या से निपटने के लिए एहतियाती उपाय करने की जरुरत है हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें किसी के हमला करने का इंतजार नहीं करना चाहिए.’’ उन्होंने साथ ही जोडा कि जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाकर्मी विभिन्न हमलों का कारगर तरीके से जवाब दे रहे हैं.
पर्रिकर ने कहा, ‘‘मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि जब उन्होंने कोशिश की, हमने जवाब दिया. इस साल आतंकवादियों के कुल 102 हमलों को नाकाम किया गया, जबकि पिछले साल इनकी संख्या 66 थी.’’ पिछले सप्ताह भारत ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र के घोषित आतंकवादी और मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और उनके संगठन जमात-उद-दावा को पाकिस्तान के समर्थन ने ‘‘आतंकवाद को मुख्यधारा में लाने का काम किया है.’’ पाकिस्तान सरकार ने जमात-उद-दावा द्वारा लाहौर में पिछले सप्ताह आयोजित दो दिन के सम्मेलन के लिए साजो सामान की मदद मुहैया कराई थी.
पाकिस्तान का कहना है कि हाफिज सईद के खिलाफ कोई मामला नहीं है और देश के नागरिक के तौर पर वह कहीं भी आ जा सकता है.
नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने टीवी चैनल के एक कार्यक्रम में देश को भरोसा दिलाया कि छह महीने में हालात बिल्कुल अलग होंगे. पाकिस्तान की ओर से होने वाली आतंक की घटनाओं को नकार देना अब नहीं चल पायेगा. पार्रिकर ने कहा, आतंक के जरिये पाकिस्तान जैसी हरकत करता हैभारत भी वैसा कर सकता है लेकिन भारत ऐसी हरकतों पर विश्वास नहीं करता.
पाक हमेशा परमाणु बम की बात करता है लेकिन हम फुल स्कोप वॉर की बात कभी नहीं करते. हम भी कह सकते हैं कि गन का मुंह उधर मोड़ दो.
पार्रिकर ने वन रैंक वन पेंशन पर कहा, अगले बजट में वन रैंक वन पेंशन को लागू कर दिया जायेगा. उनकी छवि पर उठे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, साफ छवि का होने से ही काम नहीं चलता है, कीचड़ में उतरकर गंदगी साफ करनी पड़ती है. ईमानदार रहना मुश्लिक नहीं लेकिन सख्त फैसले लेने के साथ ईमानदार होना जरूरी है. रक्षा सौदे में दलाली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसे पूरी तरह बंद करने का काम कर रहे हैं.