काले धन पर सबूत लेकर आये भारत, टटोलने के लिए नहीं: स्विट्जरलैंड
मुंबई: विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए भारत के लगातार बढ रहे प्रयास के बीच स्विट्जरलैंड ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले में किसी तरह के ‘टटोलने के अभियान’ में सहयोग नहीं करगा. उसका कहना है कि भारत के अधिकारी अपनी स्वतंत्र जांच किए बिना स्विस बैंकों में […]
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मुंबई: विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए भारत के लगातार बढ रहे प्रयास के बीच स्विट्जरलैंड ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले में किसी तरह के ‘टटोलने के अभियान’ में सहयोग नहीं करगा. उसका कहना है कि भारत के अधिकारी अपनी स्वतंत्र जांच किए बिना स्विस बैंकों में सभी भारतीय खाताधारकों के नाम की जानकारी नहीं मांग सकते.
भारत में स्विट्जरलैंड के राजदूत लाइनस वॉन कैसलमुर ने वादा किया कि उनका देश कर धोखाधडी के ऐसे सभी मामल में पूरा सहयोग करेगा जिनमें कर धोखाधडी के कम से कम कुछ सबूत पेश किए गए हों. उन्होंने कहा भूतकाल में जो हुआ है उसे मिटाया नहीं जा सकता. हालांकि, वह इस बात से सहमत थे कि संभवत: पूर्व में स्विस बैंकों में जमा सारा धन कर की दृष्टि से वैध न रहा हो. स्विट्जरलैंड पिछले कई दशकों से ऐसा गंतव्य बना हुआ है, जहां विभिन्न स्नेतों से धन का प्रवाह होता रहा है.
राजदूत ने कहा कि स्विस अधिकारियों से सहयोग खाताधारकों की चुराई हुई सूची के आधार पर नहीं लिया जा सकता. इसके लिए कम से कम भारतीय एजेंसियों की कर धोखाधडी के लिए स्वतंत्र जांच जरुरी है. कैसलमुर ने से साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम इस मामले में भारत की चिंता को समझते हैं. हम इस मुद्दे पर स्पष्ट समझदारी चाहते हैं.’’
कैसलमुर ने कहा, ‘‘इस मुद्दे का एक हिस्सा पूर्व से निपटना है. स्विट्जरलैंड कई दशकों से ऐसी जगह रहा है जहां विभिन्न स्नेतों से धन पहुंचता था और वह किसी भी तरह से कर लगा हुआ धन नहीं था.’’ कैसलमुर यहां एक पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेने आए थे जिसमें उद्योगपति अजीम प्रेमजी को प्रेरणा व सामाजिक जिम्मेदारी वाले नेतृत्व के लिए स्विस सम्मान दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘हम वर्तमान और भविष्य की ओर देखते हैं, तो लगता है कि समस्या हल हो जाएगी.’’