‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
श्रीनगर/जम्मू : जम्मू कश्मीर के अलग-अलग कई क्षेत्रों में आज पाक समर्थित आतंकियों ने चौतरफा कार्रवाई की. कहीं उन्होंने सैन्य छावनी पर हमला किया, तो कहीं पुलिस थाने पर ग्रेनड फेंके. आतंकी कहीं घरों में छिपे मिले तो कहीं उन्होंने बस यात्रियों को निशाना बनाया. उनकी इस चौतरफा कार्रवाई से अबतक 11 जवान शहीद हो गये और एक आम नागरिक की मौत हो गयी. जबकि 13 लोग घायल हो गये है. जवाबी कार्रवाई में अबतक सात आतंकी मारे गये हैं.शहीद होने वाले जवानों में सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल और जेसीओ भी शामिल हैं.
इस बीच खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने मुलाकात की है और उन्हें पूरे हालात की जानकारी दी है. समझा जाता है कि प्रधानमंत्री ने सेना प्रमुख को आतंकियों से निबटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है.
आतंकियों ने सबसे पहले उरी सेक्टर के मोहरा में एक सैन्य छावनी को तड़के साढे तीन बजे निशाना बनाया. इस कार्रवाई में आठ जवान शहीद हो गये. हालांकि यहां छहआतंकी भी मारे गये. मुठभेड़ अब भी जारी है.दक्षिण कश्मीर के तराल में एक बस स्टैंड ग्रेनेड से हुए हमले में सात नागरिक घायल हो गये हैं.
उधर, दिन में श्रीनगर के सौरा में भी सेना की आतंकियों से मुठभेड़ हो गयी, जिसमें जवानों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया. यह मुठभेड़ तब हुई, जब सुरक्षा बलों को सूचना मिली कि यहां के एक घर में आतंकी छिपे हैं. इसके बाद सुरक्षा बलों ने घरों का तलाशी अभियान शुरू किया. इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने एक आतंकी को मार गिराया.
लस्कर-ए-तालिबान का शीर्ष कमांडर को सुरक्षा बलों ने सौरा में मार गिराया है. उसकी पहचान क्वारी इजरार के रूप में की गयी है. उसके पास से एक एके – 47 सुरक्षा बलों ने बरामद किया है. जम्मू क श्मीर के डीजीपी के राजेंद्र ने कहा है कि वह कई मामलों में वर्षो से वांछित था. वह पाकिस्तान का रहने वाला था और इस इलाके में आतंकी कार्रवाई में संलिप्त था.उधर, सोपिया में आतंकियों ने पुलिस थाने पर ग्रेनेड से हमला किया है.
जहां यह आतंकी हमला हुआ है वह जगह एलओसी के करीब है. आपरेशन अभी भी जारी है. क्षेत्र में अभी भी एक या दो आतंकियों के छिपे होने की आशंका है. इस ऑपरेशन में अब पेरा कमांडो भी शामिल हो गए हैं.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तड़के तीन बजकर 10 मिनट पर उरी तहसील के मोहरा में सैन्य शिविर पर आतंकियों ने हमला किया. सुरक्षा बलों और हमलावररों के बीच भारी गोलीबारी हुयी.
अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी में सेना के पांच जवान और दो पुलिसकर्मी मारे गए जबकि तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया.
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक ए जी मीर ने आतंकियों और पुलिसकर्मियों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि सेना के हताहतों के बारे में जानकारी जुटायी जा रही है.सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सेना की गोलीबारी में कुछ हताहतों हुए हैं, उनकी वास्तविक संख्या के बारे में पुष्टि की जा रही है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने शायद हाल में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की तरफ से घाटी में घुसपैठ की. इसकी जांच की जा रही है.
यह आतंकी हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा से दो दिन पहले हुआ हैमाना जा रहा है कि हमलावर प्रधानमंत्री मोदी के जम्मूकश्मीर दौरों के दौरान क्षेत्र में अस्थिकता पैदा करना चाहते हैं. जम्मू कश्मीर में 9 दिसंबर को तीसरे चरण के चुनाव होने जा रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस संबंध में कहा है कि बारामुला जिले के उरी इलाके में सैन्य शिविर पर किया गया आतंकी हमला शांति और सामान्य स्थितियों को बाधित करने का एक हताश प्रयास है.
JK Police & army are responding to the attack in Uri. Once again shows the desperate levels militants will go to to disrupt peace & normalcy
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 5, 2014
उमर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर डॉट कॉम पर लिखा कि इसने एक बार फिर दिखाया कि हताश आतंकी शांति और सामान्य स्थितियों को बाधित करेंगे. उमर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की ओर से उरी क्षेत्र में इस हमले पर जवाबी कार्रवाई की जा रही है.
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस संबंध में चिंता जताते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में हाल फिलहाल चुनावों के दौरान भी ऐसी घटनाएं हुई है. इसके अलावा बसपा प्रमुख सुश्री मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा कि उन्होंने चुनावों के दौरान सीमा सुरक्षा का वादा किया था लेकिन उनकी सरकार आने के बाद भी ऐसी घटनाएं जारी हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले दूसरे चरण के चुनावों के दौरान नैौगाम सेक्टर में आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी जिसे सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया था.पहले चरण के मतदान के दौरान भी आतंकियों ने ऐसी ही कोशिशें की.