मिट गयी दूरियां, फिर साथ आयेंगे भाजपा-शिवसेना!
मुंबई : 25 साल पुराना गंठबंधन टूटने के बाद भाजपा और शिवसेना की राह अलग- अलग हो गई थी लेकिन आज महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान से ऐसा लगने लगा है कि दोनों पार्टियों के बीच फिर एक बार नजदीकी बढ़ सकती है. आज फडणवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना दोनों ही […]
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मुंबई : 25 साल पुराना गंठबंधन टूटने के बाद भाजपा और शिवसेना की राह अलग- अलग हो गई थी लेकिन आज महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान से ऐसा लगने लगा है कि दोनों पार्टियों के बीच फिर एक बार नजदीकी बढ़ सकती है.
आज फडणवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना दोनों ही पार्टियों को लगता है कि महाराष्ट्र में उन्हें मिलकर सरकार चलाना चाहिए. केंद्र में शिवसेना एनडीए का एक अभिन्न अंग है. हमने तय किया है कि शिवसेना को महाराष्ट्र में भी हमारा साथ देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि शिवसेना के साथ गंठबंधन पर कल से चर्चा शुरू हो जाएगी. हमें उम्मीद है कि इससे कुछ सकारात्मक निकलकर सामने आएगा.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार को बाहर से समर्थन देने का एलान करने वाली पार्टी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने एक सभा में अपने कार्यकर्ताओं को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है.
सूत्रों की माने तो शिवसेना अगले कुछ दिनों में देवेंद्र फडनवीस सरकार में शामिल हो जाएगी. इतना ही नहीं पार्टी के सांसद अनिल देसाई भी केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार में बतौर राज्य मंत्री शामिल हो जायेंगे.
इसके लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे के बीच सहमति बन गई है. महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के 10 मंत्री होंगे जिसमें से कम से कम 4 कैबिनेट स्तर के मंत्री होंगे. शिवसेना ने उपमुख्यमंत्री पद की अपनी पुरानी मांग छोड़ दी है लेकिन यह तय हुआ है कि गृह मंत्रालय उसे मिलेगा.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा और शिवसेना के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान हुई जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच गंठबंधन टूट गया और दोनों ही पार्टियां चुनावी मैदान में अलग-अलग लड़ीं.
विस चुनाव परिणाम के बाद ऐसा लगने लगा कि फिर दोनों पार्टियां मिलकर सरकार बनायेंगी लेकिन मीडिया में खबर आयी कि मंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना में बात नहीं बन पायी.
महाराष्ट्र में भाजपा को 122 सीटें मिली है यानी सरकार बनाने के लिए उसे अभी 23 सीटों की जरूरत थी जबकि शिवसेना को 63 सीटें मिलीं.