‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली: अदाणी समूह को दिये गये कर्ज को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. इस बढ़ते विवाद को खत्म करने के उद्देश्य से भारतीय स्टेट बैंक ने भी बयान जारी किया है. एसबीआई ने कहा, इस संबंध में केवल शुरुआती सहमति पत्र पर दस्तखत किये गये हैं और समुचित जांच पडताल के बाद ही धन जारी किया जायेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान स्टेट बैंक ने अदाणी समूह की वहां स्थित कोयला परियोजना के लिये एक अरब डालर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये.स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने यहां कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि यह आपसी सहमति का समझोता है. यह कर्ज की मंजूरी नहीं है जो कि हमने जारी कर दिया. ऋण तथा व्यवहार्यता दोनों की जांच पडताल के बाद ही कर्ज दिया जाएगा.’’उन्होंने कहा, ‘‘..इस बारे में निदेशक मंडल निर्णय करेगा और उसके बाद ही ऋणदिया जाएगा.’’ पर्यावरण सहित विभिन्न मुद्दों को देखा जायेगा, कोयला के दाम पर भी गौर किया जायेगा.
यह पूछे जाने पर कि अगर निदेशक मंडल ऋणको मंजूरी दे देता है तो कंपनी पर एसबीआई का कुल कितना कर्ज होगा, अरुंधती ने कहा कि शुद्ध रुप से 20 करोड डालर देना होगा क्योंकि कंपनी को कुछ वापसी भी करनी है.इस बीच, कांग्रेस ने अदाणी समूह को कारमाइकल कोयला खान के लिये एक अरब डालर का कर्ज दिये जाने के लिये किये गये समझौते पर चिंता जतायी है.
पार्टी के महासचिव अजय माकन ने कहा, ‘‘एसबीआई द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्र के दौरान उनके साथ-साथ रहे अदाणी को ऐसे समय ऋण दिये जाने का क्या औचित्य है जब पांच विदेशी बैंकों ने परियोजना के लिये समूह को कर्ज देने से इनकार कर दिया था.’’
इन आरोपों को खारिज करते हुए अदाणी समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘कुछ अंतरराष्ट्रीय बैंक हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में हमारी खानों के लिये धन दिया है. मुझे नहीं लगता कि हमारे लिये इस समय यह बताना सही है कि कौन से बैंक परियोजना पर विचार कर रहे हैं और मंजूरी के विभिन्न स्तरों पर हैं.’’उसने कहा कि जब परियोजना के लिये वित्त की व्यवस्था की बात आएगी तो एसबीआई अकेला बैंक नहीं होगा और आप देखेंगे कि कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बैंक भी इसमें शामिल हैं.यह कोयला खान ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड में है और इसके लिये रेलवे सहित जरुरी बुनियादी ढांचे के लिये 7.6 अरब डालर का खर्च आएगा.