सोनिया ने कहा, तथ्यों को गलत ढंग से पेश करने के कारण नेहरू के विचारों पर खतरा

नयी दिल्ली : दो दिनों तक चलने वाले 125 वीं नेहरू जयंती समारोह में सोनिया गांधी ने कहा कि नेहरू ने देश को विकास के रास्ते पर चलाया. औद्योगिकीकरण और विज्ञान के क्षेत्र में उन्होंने काफी काम किया. कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है.भारत जैसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2014 11:53 AM
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नयी दिल्ली : दो दिनों तक चलने वाले 125 वीं नेहरू जयंती समारोह में सोनिया गांधी ने कहा कि नेहरू ने देश को विकास के रास्ते पर चलाया. औद्योगिकीकरण और विज्ञान के क्षेत्र में उन्होंने काफी काम किया.

कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है.भारत जैसे विविधतापूर्ण देश के लिए धर्मनिरपेक्षता एक अकाट्य जरुरत है. नेहरु के जीवन और कार्यों के बारे में हाल के दिनों में तथ्यों को गलत ढंग से रखने और तोड मरोड कर पेश करने से जानकारी कमजोर हुई है.देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की विरासत को दृढतापूर्वक सामने रखने का प्रयास करते हुए और प्रकारांतर से भाजपा पर हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि उनके ( नेहरु के ) विचारों पर खतरा पैदा हो गया है क्योंकि तथ्यों को गलत ढंग से रखा जा रहा है और तोड मरोड कर पेश किया जा रहा है. उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की अकाट्य जरुरत पर भी जोर दिया.

जवाहरलाल नेहरु की 125 वीं जयंती पर कांग्रेस द्वारा आज आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, मार्क्‍सवादी कम्युनिसट पार्टी के प्रकाश करात और सीताराम येचूरी, जनता दल सेक्युलर के नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौडा, जनता दल यूनाइटेड के शरद यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के डी पी त्रिपाठी ने हिस्सा लिया. हालांकि इसमें सपा, बसपा, द्रमुक, नेशनल कांफ्रेस और तेदेपा के प्रतिनिधि उपस्थित नहीं थे. राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद हालांकि उपस्थित नहीं थे लेकिन उनकी पार्टी के सांसद जयप्रकाश नारायण यादव सम्मेलन में मौजूद थे.

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने प्रारंभिक भाषण में कहा कि नेहरु के जीवन और कार्यों के बारे में जानकारी का प्रवाह हाल के दिनों में तथ्यों को गलत ढंग से रखने और तोड मरोड कर पेश करने से कमजोर हुआ है. उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री के लिए धर्मनिरपेक्षता और सभी धर्मों के प्रति आदर आस्था का सवाल था. सोनिया ने कहा, ‘‘धर्मनिरपेक्षता के बिना कोई भारतीयता, कोई भारत नहीं हो सकता ..,धर्मनिरेपक्षता आदर्श से भी बढ कर है और रहेगी, भारत जैसे विविधतापूर्ण देश के लिए यह एक अकाट्य जरुरत है.

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