तिरवनंतपुरम: राष्ट्रीय महिला आयोग के देह व्यापार को वैध करने के प्रस्ताव पर केरल महिला आयोग ने कड़ी आपत्ति जतायी है. केरल महिला आयोग ने तर्क देते हुए कहा, इससे मानव तस्करी और महिलाओं के शोषण को बढ़ावा मिलेगा राज्य महिला आयोग के पैनल की अध्यक्षा के सी रोसकुट्टी न कहा, ‘‘हम एनसीडब्ल्यू के देह व्यापार को वैध करने के सुझाव को स्वीकार नहीं कर सकते.

जहां तक यौनकर्मियों का संबंध है तो समय की यह जरुरत है कि उन्हें देह व्यापार के दलदल से बाहर निकाला जाए और उनका पुनर्वास कर समाज की मुख्यधारा में लाने में उनकी मदद की जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता कि देह व्यापार को वैध करने से सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. इतना ही नहीं अगर देह व्यापार को कानूनी स्वीकृति मिल जाती है तो मानव तस्करी में कई गुना वृद्धि हो जाएगी और लडकियों के शोषण के मामलों में भी बढोतरी होगी.’’ वायनाड से कांग्रेस की पूर्व विधायिका रोसकुट्टी ने यह भी कहा कि देह व्यापार को वैध करने से नयी पीढी को गलत संदेश जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकर यह भारतीय संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है. अगर हम देह व्यापार को वैध करते हैं तो इससे नई पीढी को गलत सेदश जाएगा.’’ राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की प्रमुख ललिता कुमारमंगलम ने हाल ही में प्रस्ताव रखा था कि देह व्यापार को वैध करने से देश में यौनकर्मियों की स्थिति बेहतर होगी.