‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने दिल्ली विधानसभा भंग कर दी है. उन्होंने मंगलवार के कैबिनेट के विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. दिल्ली विधानसभा भंग हो जाने के बाद अब वहां अगले कुछ दिनों में चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है. संभावना जतायी जा रही है कि राज्य में दिसंबर अंत या जनवरी के आरंभ में चुनाव होगा.
राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने अधिकारिक बयान में कहा है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली विधानसभा भंग करने संबंधी कैबिनेट के अनुशंसा पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया है. राज्य में मध्यावधि चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने वहां तीन विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव रद्द कर दिये. ये तीनों विधानसभा सीटें वहां के विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने के कारण रिक्त हुई थीं. महरौली, तुगलकाबाद व कृष्णानगर में चुनाव आयोग ने 25 नवंबर को चुनाव कराने का कार्यक्रम झारखंड व जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के साथ घोषित किया था.
उल्लेखनीय है कि सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने राज्य के तीनों प्रमुख दलों भाजपा, आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के बारी बारी से बुलाकर राज्य में सरकार गठन की संभावना तलाशी थी. पर, हर दल ने सरकार बनाने में बहुमत नहीं होने के कारण असमर्थता जतायी. जिसके बाद उप राज्यपाल ने इस संबंध में रिपोर्ट राष्ट्रपति व केंद्रीय गृह मंत्रलय को भेज दिया. जिसके बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उनके आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया गया. राज्य की तीनों पार्टियां वहां चुनावी तैयारियों में जुट गयी हैं.