‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ओमान की सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों को भारत के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में निवेश के लिये आमंत्रित करते हुये कहा कि यह बेहतर प्रतिफल की पेशकश करता है. राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राष्ट्रपति ने उनसे कल मिलने आये ओमान के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री डा. अली बिन मसूद अल-सुनैदी से यह बात कही.
मुखर्जी ने बातचीत के दौरान ‘मेक-इन-इंडिया’ अभियान का जिक्र किया और ओमानी कंपनियों को भारत में निवेश के लिये आमंत्रित करते हुये कहा, ‘‘आइये भारतीय ढांचागत क्षेत्र तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश कीजिये, ये क्षेत्र बेहतर प्रतिफल की पेशकश करते हैं.’’ राष्ट्रपति ने अल- सनैदी से कहा कि ओमान के साथ भारत के रिश्ते मजबूत एतिहासिक और सामाजिक संबंधों पर आधारित हैं. भारत ओमान के साथ अपनी रणनीतिक भागीदारी की सराहना करता है और इसकी अहमियत को समझता है. दोनों पक्षों के बीच रिश्तों में हाल के समय में हुई सकल वृद्धि से यह भागीदारी परिलक्षित होती है.’’
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, ‘‘भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2012-13 में 4.6 अरब डालर से बढकर 2013-14 में 5.77 अरब डालर तक पहुंच गया. हालांकि, मौजूदा संभावनाओं को देखते हुये व्यापार काफी कम है और दोनों पक्षों को आपसी रिश्तों की गहराई को देखते हुये इसे उसी के अनुरुप उंचे स्तर पर लाना चाहिये.’’ उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि दोनों देशों के बीच आगामी संयुक्त आयोग की बैठक फलदायी होगी और इससे भारत और ओमान के बीच आर्थिक और व्यापारिक रिश्ते और मजबूत होंगे. उन्होंने समुद्री डकैती के खिलाफ अभियान में ओमान के सहयोग के लिये धन्यवाद भी दिया. ओमान के मंत्री ने मुखर्जी से कहा कि भारत जैसे मित्र देश के सहयोग से ही उनके देश की अर्थव्यवस्था बढी है.