महाराष्ट्र और हिरयाणा में विधानसभा चुनाव के बाद यह साफ हो गया कि दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी साख मजबूत कर ली है. इस जीत ने मोदी लहर के दावे को भी पुख्ता कर दिया. संभावना है कि आने वाले दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस लहर का असर पड़ेगा.
Advertisement
जानिये भाजपा की जीत के दस बड़े कारण
Advertisement
महाराष्ट्र और हिरयाणा में विधानसभा चुनाव के बाद यह साफ हो गया कि दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी साख मजबूत कर ली है. इस जीत ने मोदी लहर के दावे को भी पुख्ता कर दिया. संभावना है कि आने वाले दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस लहर का असर पड़ेगा. इस […]
ऑडियो सुनें
इस चुनाव में जीत के कई कारण रहे. इन कारणों की समीक्षा करते हुए भाजपा अब दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री के पद पर माथा पच्ची कर रही है. इसके इतर हम जानने की कोशिश करते हैं कि जीत के दस बड़े कारण कौन से रहे.
1 एकला चलो रे की नीति– भाजपा ने दोनों राज्यों में किसी बड़ी महत्वपूर्ण क्षेत्रीय पार्टी के साथ गंठबंधन नहीं किया. दोनों ही राज्यों में भाजपा ने अपने दम पर चुनाव लड़ा और उसे जीत हासिल हुई. इस आत्मविश्वास के दम पर भाजपा ने अपनी साख और मजबूत कर ली.
2 मोदी लहर पर सवार विजय रथ– दोनों राज्यों में जीत का सबसे बड़ा कारण विशेषज्ञ मोदी लहर को मान रहे हैं. लोकसभा चुनाव में जिस तरह जनता ने भाजपा पर विश्वास जताया वही विश्वास उन्होंने विधानसभा चुनाव में भी जताया. भाजपा ने उसी विश्वास को विधानसभा चुनाव में भुनाने की पूरी कोशिश की और सफल रही.
3 मोदी के वादे और सपने- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों ही राज्यों में उस सपने और वादे का जिक्र किया जिससे जनता मोहित होती चली गयी. हरियाणा में बेरोजगारी और कृषि पर जोर दिया तो महाराष्ट्र में मछुआरों के लिए किये अपने पहले काम को याद कराया, किस तरह प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने सबसे पहले मछुआरों के हित का सोचा और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से इस पर चर्चा की.
4 कांग्रेस की सरकार- दोनों ही राज्यों में कांग्रेस ने लंबे समय तक शासन चलाया. महाराष्ट्र में कांग्रेस 15 साल से सरकार चला रही थी वहीं हरियाणा में वह 10 साल से सत्ता में थे. जनता बदलाव चाहती है. इसे भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है.
5 जोरदार प्रचार- भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में भी प्रचार के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ रैलियां की जिसका असर जनता पर पड़ा.
6 अमित शाह और नरेंद्र मोदी की जोड़ी- भारतीय जनता पार्टी के दोनों राज्यों में प्रदर्शन के बाद शाह के नेतृत्व क्षमता और कार्यशैली को भी एक बडा़ कारण माना जा रहा है. शाह ने सीधे कार्यकर्ताओं से संपर्क स्थापित करके जो नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया वह शानदार है.
7 दूसरों का मिला साथ- हरियाणा और महाराष्ट्र में कई दिग्गज नेताओं का साथ भाजपा को मिला. हरियाणा में कांग्रेस और क्षेत्रिय पार्टियां के नेता भाजपा में शामिल हुए. जिससे भाजपा की ताकत बढ़ी.
8. विरोधियों में भी फूट- महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा का गंठबंधन टूटा लेकिन विरोधी भी आपसी फूट को कम नहीं कर सके. एनसीपी और कांग्रेस ने भी अपने रास्ते अलग कर लिये. विरोधियों के दो खेमे में बंट जाने से इसका पूरा फायदा भाजपा को मिला. इससे जीत आसान हो गयी.
9 नेतृत्व का अभाव- कांग्रेस जैसी महत्वपूर्ण पार्टी में नेतृत्व का अभाव साफ नजर आया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी चुनाव प्रचार में अपना पूरा दम नहीं लगाया जिसका असर चुनाव परिणाम पर पड़ा.
10 भ्रष्टाचार का आरोप- भाजपा के प्रमुख विरोधी पार्टियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा. दोनों ही राज्यों में इस मामले को भाजपा ने भी काफी तूल दिया. एनसीपी, कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल के कई दिग्गज नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं.
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition