रंजीत सिन्हा से नहीं ए पी सिंह से हैं हवाला कारोबारी कुरैशी के संबंध : आयकर विभाग

नयी दिल्ली : कोयला घोटाला मामले में आयकर विभाग (आइटी)ने पिछले दिनों हवाला कारोबारी मोईन कुरैशी के घर छापा मारा है. आयकर विभाग ने बताया कि उनको सीबीआइ निदेशक रंजीत सिंन्हा के साथ कुरैशी के संबंध के कुछ सबूत नहीं मिले हैं. इस बात की जानकारी एटर्नी नजरल मुकुल रस्तोगी ने सुप्रीम कोर्ट को दी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2014 4:22 PM
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नयी दिल्ली : कोयला घोटाला मामले में आयकर विभाग (आइटी)ने पिछले दिनों हवाला कारोबारी मोईन कुरैशी के घर छापा मारा है. आयकर विभाग ने बताया कि उनको सीबीआइ निदेशक रंजीत सिंन्हा के साथ कुरैशी के संबंध के कुछ सबूत नहीं मिले हैं.

इस बात की जानकारी एटर्नी नजरल मुकुल रस्तोगी ने सुप्रीम कोर्ट को दी. रस्तोगी ने बताया कि आइटी को कुरैशी के घर छापामारी के दौरान कुछ ऐसा नहीं मिला जिससे रंजीत सिन्हा और कुरैशी के संबंध का पता चले.

आयकर विभाग ने खुलासा किया है कि कुरैशी के संबंध सीबीआइ के पूर्व निदेशक ए पी सिंह से हैं. दोनों के बीच अक्सर बातचीत होती थी. फिलहाल एपी सिंह यूपीएससी के सदस्य हैं. इस खुलासे के बाद उनको अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है.

कुरैशी मीट एक्सपोर्टर है जब आइटी ने उसके घर में छापा मारा तो उन्हें 10 करोड़ नकद और करोड़ों के जेवर हाथ लगे. बताया जा रहा है कि उसके दिल्ली के छत्रपुर स्थित घर में काम करने के लिए बाहर से कारिगर बुलाये गये थे.

आइटी ने बताया कि उसके संबंध और कई बड़े राजनेताओं और अधिकारियों से भी हैं. गौरतलब है कि आइटी विभाग मीट एक्सपोर्टर और हवाला कारोबारी मोईन कुरैशी पर लगे आरोपों की जांच कर रहा है. वकील प्रशांत भूषण ने रंजीत सिंन्हा पर आरोप लगाये थे कि उनका संबंध हवाला कारोबारी कुरैशी के साथ है.

सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग से पूछा था कि क्या उसे रंजीत सिन्हा और मोइन कुरैशी के बीच संबंधों और कोयला घोटाले की जांच को प्रभावित किए जाने से जुड़े कोई सबूत मिले हैं? सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि अब तक अलग-अलग मामलों में हुई जांच की सारी रिपोर्ट 4 दिसंबर तक अदालत में जमा करे. 8 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई होनी है.

सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी कोयला कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने से मना किया. कोर्ट ने कहा जिनके खदान सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से रद्द हुए है, वे भी नए सिरे से होने वाली नीलामी में भाग लेने के लिए स्वतंत्र हैं. इन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किए जाने के लिए वकील एमएल शर्मा ने दायर की थी अर्ज़ी.

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