गंगा सफाई परियोजना मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से किये सवाल
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज गंगा नदी की साफ-सफाई को लेकर केंद्र सरकार के ब्लूप्रिंट पर संतोष जाहिर किया. लेकिन कोर्ट ने सरकार से इस बाबत जवाब मांगा है कि उसने अपनी महत्वाकांक्षी नीति को अमल में लाने के लिए क्या योजना बनायी है. पीठ ने कहा कि केंद्र की ओर से लघु, […]
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नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज गंगा नदी की साफ-सफाई को लेकर केंद्र सरकार के ब्लूप्रिंट पर संतोष जाहिर किया. लेकिन कोर्ट ने सरकार से इस बाबत जवाब मांगा है कि उसने अपनी महत्वाकांक्षी नीति को अमल में लाने के लिए क्या योजना बनायी है.
पीठ ने कहा कि केंद्र की ओर से लघु, मध्य एवं दीर्घकालिक उपाय दर्शाना अच्छी बात है पर अदालत को कैसे पता चलेगा कि उन्हें क्रियान्वित किया जा चुका है. न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर की अध्यक्षता में पीठ ने कहा, हम आपके साथ बेझिझक होकर बात करना चाहते हैं. कृपया हमें गलत न समझें. हम परियोजना के क्रियान्वयन की सत्यता कैसे परख पाएंगे. हम खुद को इस बाबत संतुष्ट करना चाहेंगे जो आप कर रहे हैं.
पीठ ने सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार से पूछा कि यदि उन राज्यों में विरोधी पार्टियों की सरकारें हों जहां से होकर गंगा बहती है और वे सरकारें सहयोग न करें तो ऐसी स्थिति में परियोजना कैसे क्रियान्वित की जाएगी. मामले की सुनवाई पूरी नहीं हुई और यह अगली तारीख को भी जारी रहेगी.
गंगा की सफाई के मुद्दे पर अपने रवैये की वजह से उच्चतम न्यायालय की फटकार सुन चुकी नरेंद्र मोदी सरकार ने लघु, मध्य एवं दीर्घकालिक उपायों का एक ब्लूप्रिंट सौंपा जिसमें हजारों करोड़ रुपये का निवेश होगा ताकि गंगा के वैभव को बहाल किया जा सके. राजग सरकार ने कहा कि उसने गंगा किनारे बसे 118 ऐसे शहरों की पहचान की है जिन्हें पहले लक्ष्य के तहत पूरी तरह स्वच्छ बनाया जाएगा.