मंगल अभियानः देश को 24 सितंबर का इंतजार
नयी दिल्लीः क्या भारत अपने मंगल मिशन में कामयाब हो पायेगा. इसका जवाब हमें 24 सितंबर को सुबह 8.15 मिनट पर मिल जायेगा. मार्स ओरबिट मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस. अरुणम ने कहा कि हम इस मिशन के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.हमें पूरी उम्मीद है कि हम इस मिशन में कामयबाह […]
नयी दिल्लीः क्या भारत अपने मंगल मिशन में कामयाब हो पायेगा. इसका जवाब हमें 24 सितंबर को सुबह 8.15 मिनट पर मिल जायेगा. मार्स ओरबिट मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस. अरुणम ने कहा कि हम इस मिशन के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.हमें पूरी उम्मीद है कि हम इस मिशन में कामयबाह होंगे.
बुधवार को इस मिशन की सफलता का जश्न मनेगा. मंगल अभियान की सफलता उस 24 मिनट पर निर्भर होगा जिसमें इंजन को चालू किया जायेगा. इंजन को चालू करने से पहले कई महत्वपूर्ण बिंदुओ पर ध्यान देना होगा. इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि यान की गति सामान्य हो अगर यह धीमा रहा तो मंगल की सतह से टकरा सकता है और अगर यान की गति तेजी रही, तो मंगल के गुरुत्वाकर्षण से बाहर अंतरिक्ष में खो जाने का डर है.
मंगल अभियान भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है अगर यह अभियान सफल होता है, तो भारत एशिया का ही नहीं दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जिसे पहले प्रयास में सफलता हाथ लगेगी. भारत का मंगल अभियान 300 दिन के सफर पर है जिसमें लगभग 67 करोड़ की दूरी तय करनी होगी. इसरो के अध्यक्ष राधाकृष्णन भी इस अभियान को लेकर बेहद उत्साहित है उन्होंने कहा कि अगर हमारा अभियान सफल रहा तो भारत अपने दम पर पहले प्रयास में पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जायेगा.
इस अभियान में लगभग 450 करोड़ रुपये खर्च हो चुके है और यह दुनिया के दूसरे देशों के खर्च के मुकाबले काफी कम है. 24 सितंबर की सुबह भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है इस दिन इसरो मंगलयान को धीमी करने के लिए इंजन को 24 मिनट तक चलायेगा और मंगल की सफलता इस पर निर्भर करेगी.