प्रशांत भूषण बतायें विजिटरों की सूची देनेवालों का नाम : रंजीत सिन्हा

नयी दिल्ली : सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा ने कहा है कि मशहूर वकील प्रशांत भूषण उस व्हिस्लब्लोअर के नाम का खुलासा करने से छूट प्राप्त नहीं कर सकते जिसने उनके सरकारी आवास के आगंतुकों की सूची उन्हें मुहैया कराई. उन्होंने उनके स्रोत के खुलासे की मांग की है. भूषण की याचिका के जवाब में उच्चतम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2014 4:06 PM

नयी दिल्ली : सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा ने कहा है कि मशहूर वकील प्रशांत भूषण उस व्हिस्लब्लोअर के नाम का खुलासा करने से छूट प्राप्त नहीं कर सकते जिसने उनके सरकारी आवास के आगंतुकों की सूची उन्हें मुहैया कराई. उन्होंने उनके स्रोत के खुलासे की मांग की है.

भूषण की याचिका के जवाब में उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर हलफनामे में एजेंसी प्रमुख ने कहा कि वकील उस स्रोत का खुलासा किये बगैर मामले में बहस नहीं कर सकते जिससे उन्होंने हलफनामे में उल्लिखित आगंतुकों का ब्यौरा हासिल किया. भूषण ने याचिका में आरोप लगाया है कि सिन्हा ने टू जी घोटाले के आरोपियों और आरोपी कंपनियों के अधिकारियों से अपने आवास पर मुलाकात की इसलिए उन्हें टू जी घोटाले की जांच से हटाया जाये.

उन्होंने भूषण की याचिका के जवाब में कल हलफनामा दायर किया. भूषण गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन के वकील हैं. एक व्हिस्लब्लोअर से सीबीआई निदेशक के सरकारी आवास के आगंतुक रजिस्टर मिलने का हवाला देते हुए भूषण ने आरोप लगाये कि टू जी घोटाले एवं अन्य मामलों के कई आरोपियों और आरोपी कंपनियों के अधिकारियों ने सिन्हा के आवास का लगातार दौरा किया.

उन्होंने कहा, यह कहना काफी नहीं है कि एक व्हिस्लब्लोअर ने याचिकाकर्ता को सूचना दी क्योंकि व्हिस्लब्लोअर का मामला तभी उठेगा जब किसी अपराध के मामले में व्हिस्लब्लोअर को उस व्यक्ति से सुरक्षा की जरूरत होगी जिसके खिलाफ कुछ खुलासे होने हैं. भूषण ने दावा किया था कि सिन्हा ने तत्कालीन लोक अभियोजक को पत्र लिखकर रिलायंस टेलीकॉम के खिलाफ कुछ बिंदुओं पर फिर से जांच करने के लिए कहा था जिसे मामले को हल्का करने की पहल के रूप में देखा जा रहा है.

उन्होंने दावा किया था कि यह पत्र तब भेजा गया था जब कंपनियों के अधिकारियों ने सीबीआई निदेशक से उनके आवास पर कथित रुप से मुलाकात की. हलफनामे को तत्कालीन लोक अभियोजक यूयू ललित ने खारिज कर दिया जिन्हें अब उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. ललित ने कहा था कि इससे सीबीआई का मामला कमजोर पडेगा.

सिन्हा ने कहा कि उनके और विशेष लोक अभियोजक के बीच हुए पत्राचार को भूषण प्रकथन (प्रमाण) बना रहे हैं जो भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 126 के तहत विशेषाधिकृत संवाद है.

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