श्रीनगर:जम्मू कश्मीर में आई भयानक बाढ़ से सुरक्षा बल भी सुरक्षित नहीं हैं. आपदा जब आती है तो यह भेदभाव नहीं करती यही हुआ है कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों के साथ.
Advertisement
कश्मीर: सुरक्षा बल भी नहीं हैं बाढ़ से सुरक्षित
Advertisement
![2014_9largeimg213_Sep_2014_135642970](https://pkwp184.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/01/2014_9largeimg213_Sep_2014_135642970.jpeg)
श्रीनगर:जम्मू कश्मीर में आई भयानक बाढ़ से सुरक्षा बल भी सुरक्षित नहीं हैं. आपदा जब आती है तो यह भेदभाव नहीं करती यही हुआ है कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों के साथ. असैन्य आबादी के साथ ही देश के विभिन्न हिस्से से तैनात सुरक्षा बल भी बुरी तरह चपेट में आए हैं. समूची कश्मीर घाटी […]
![Audio Book](https://pkwp184.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2025/01/audio-book-1.png)
ऑडियो सुनें
असैन्य आबादी के साथ ही देश के विभिन्न हिस्से से तैनात सुरक्षा बल भी बुरी तरह चपेट में आए हैं. समूची कश्मीर घाटी में कैंपों में पानी घुसने के कारण उन्होंने अपना सामान खो दिया और उनके हथियार क्षतिग्रस्त हो गये या वे बेकार हो गए.
पूरी कश्मीर घाटी में विभिन्न जगहों पर कारतूस के साथ सैकडों एके राइफल्स, इंसास राइफल्स और एसएलआर राइफल्स डूबे पडे हैं. इसमें बम, हथगोले आदि भी हैं.
कुछ रिपोर्ट में बताया गया है कि बाढ में सैन्य शिविर से 26 एके राइफल बह गयी. घाटी में सबसे ज्यादा प्रभावित गोगजी बाग इलाके में एक केंद्रीय अर्धसैनिक बल के 400 कर्मियों को रविवार की रात पानी घुसने के बाद अपना कैंप छोडना पडा.
जलमग्न परिसर में हथियार कैसे रह गया, इस बारे में बताते हुए उनमें से एक ने कहा, हमें सब कुछ छोडकर निकलने और अपनी जान बचाने का आदेश मिला. जैसे-जैसे सैलाब घटने लगा वे अपने हथियारों को देखने के लिए अपने परिसर की ओर जा रहे हैं.
पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक सुरक्षाकर्मी ने बताया, आयलिंग और सर्विसिंग के बाद कारतूस के अलावा राइफल भी फिर से काम कर सकती है. बम और हथगोला का अब इस्तेमाल नहीं हो सकेगा. घाटी में अन्य जगहों पर सैन्य शिविरों की भी यही स्थिति है.
सैन्यकर्मियों ने दिन रात प्रभावित लोगों के लिए काम किया और चोरी तथा लूट के डर से जलमग्न घर से जाने से इंकार करने वालों तक राहत सामग्री पहुंचाई. राहत अभियान के लिए पांच दिन पहले आने वाले जालंधर स्थित 103 इंजीनियर्स रेजीमेंट के सूबेदार ऑनररी लेफ्टिनेंट एस पी सिंह ने कहा कि हम हर दिन सुबह चार बजे अपना सहायता अभियान शुरु करते हैं और आधी रात को बंद करते हैं.
आधी रात और सुबह चार बजे के बीच नौकाओं की देखभाल की जाती है. अपने सहयोगी नायक नचित्र सिंह, नायक वी डी भोंसले और नायक ओ पी पटेल के साथ आए सिंह ने बाढ में घिरे लोगों को लाने ले जाने के लिए राजबाग, जवाहर नगर और नोगाम की विभिन्न कॉलोनियां का दौरा किया.
उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता बच्चों, महिलाओं और बीमार लोगों को बचाना है. आकलन करते हुए कहा कि उनके रेजीमेंट ने कम से कम 10,000 लोगों को बचाया है.
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition