आइआइटी निदेशकों व अध्यक्षों के सम्मेलन में बोले पीएम,विज्ञान सर्वव्यापी,स्थानीय हो प्रौद्योगिकी

नयी दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) से आह्वान किया कि आम लोगों की समस्याओं का अभिनव समाधान निकालने के लिए आएं ताकि लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आये. साथ ही ऐसे उत्पादों का निर्माण करने की चुनौतियों को स्वीकार करें जिसके लिए देश आयात पर निर्भर है. इनमें रक्षा उपकरण से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2014 7:09 AM
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नयी दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) से आह्वान किया कि आम लोगों की समस्याओं का अभिनव समाधान निकालने के लिए आएं ताकि लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आये. साथ ही ऐसे उत्पादों का निर्माण करने की चुनौतियों को स्वीकार करें जिसके लिए देश आयात पर निर्भर है. इनमें रक्षा उपकरण से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र तक शामिल हैं.

राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को आयोजित आइआइटी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्षों व निदेशकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी कहा कि विज्ञान सर्वव्यापी है, इसलिए प्रौद्योगिकी स्थानीय होनी चाहिए. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में की गयी पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में राष्ट्र और भावी पीढ़ियां लाभान्वित होंगी. हालांकि संस्थानों की वैश्विक रैंकिंग महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें खुद अपनी रैंकिंग के लिए मानक तय करने चाहिए जिससे पर्वितन और सुधार की स्वनिर्मित प्रक्रिया तैयार की जा सके. सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने की.

सरकार का करें सहयोग
आइआइटी से प्रोद्यौगिकी के जरिये ‘सबके लिए आवास’ के विजन को पूरा करने में सहयोग करने को कहा ताकि कम कीमत पर मजबूत और पर्यावरण अनुकूल घरों का निर्माण किया जा सके. इसके साथ ही भारतीय रेल के लिए उपभोक्ता अनुकूल प्रगतिशील कार्यो’ में सहयोग करे.
प्रधानमंत्री के सुझाव
-छात्रों को स्थानीय आवश्यकताओं व जरूरतों से संबंधित परियोजनाएं दें ताकि अभिनव समाधान तलाश सकें.
-आइआइटी अपने आसपास के इंजीनियरिंग कॉलेजों को अपनाये व उनके छात्रों का मार्गदर्शन करें
-आइआइटी के पूर्व छात्र नये छात्रों से बातचीत करें ताकि वर्तमान छात्र उनके अनुभव से लाभान्वित हो सकें.
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