गुजरात उपचुनाव:आनंदी बेन के लिए परीक्षा की घड़ी
अहमदाबाद:गुजरात में एक लोकसभा सीट और नौ विधानसभा सीटों के लिए अगले महीने उपचुनाव होने वाले है. ये उपचुनाव नई बनीं मुख्यमंत्री आनंदी पटेल के नेतृत्व और उनकी स्वीकार्यता के लिये कडी परीक्षा की घड़ी होंगे. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें राज्य की बागडोर सौंपी गई थी. पद संभालने […]
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अहमदाबाद:गुजरात में एक लोकसभा सीट और नौ विधानसभा सीटों के लिए अगले महीने उपचुनाव होने वाले है. ये उपचुनाव नई बनीं मुख्यमंत्री आनंदी पटेल के नेतृत्व और उनकी स्वीकार्यता के लिये कडी परीक्षा की घड़ी होंगे. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें राज्य की बागडोर सौंपी गई थी.
पद संभालने के बाद से गुजरात में पटेल के नेतृत्व में लड़ा जाने वाला यह पहला चुनाव होगा. सभी नौ विधानसभा सीटें जहां 13 सितंबर को उपचुनाव होगा, वहां भाजपा का कब्जा था और विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद ये सीटें खाली हुई हैं.
जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें आणंद, लीमखेडा-दाहोद, दीसा-बनासकांठा, मातर-खेडा, मणिनगर-अहमदाबाद, तलाजा-भावनगर, तंकारा-राजकोट, खमभालिया-जामनगर, और मंगरुल-जूनागढ शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश में वाराणसी सीट बरकरार रखने के मोदी के फैसले के बाद वडोदरा लोकसभा सीट खाली हो गयी. दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस राज्य के राजनीतिक परिदृश्य से मोदी के जाने के बाद से गुजरात में अपनी पार्टी में फिर से जान आने को लेकर आशान्वित है. पिछले कुछ महीने के दौरान भ्रष्टाचार और महंगाई का मुद्दा जोर शोर से उठाया गया है.
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, यह उपचुनाव गुजरात के लोगों के बीच नई मुख्यमंत्री की स्वीकार्यता के इम्तिहान की तरह होगा. विधानसभा सीटों पर चुनाव आम तौर पर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लड़ा जाता है और इसके परिणाम को उनके काम पर मुहर या खारिज करने के तौर पर माना जाता है.