नयी दिल्ली: पूर्व चुनाव आय़ुक्त एस.वाई कुरैशी के बयान पर चुनाव आयोग ने पत्र लिखकर अपनी प्रतिक्रिया दी. कुरैशी ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख के जरिये कहा था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग को FIR दर्ज करायी जानी चाहिए थी.
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हेट स्पीच पर पूर्व चुनाव आयुक्त ने उठाये सवाल तो चुनाव आयोग ने कहा, आपके कार्यकाल में भी नहीं हुई कार्रवाई
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नयी दिल्ली: पूर्व चुनाव आय़ुक्त एस.वाई कुरैशी के बयान पर चुनाव आयोग ने पत्र लिखकर अपनी प्रतिक्रिया दी. कुरैशी ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख के जरिये कहा था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग को FIR दर्ज करायी जानी चाहिए थी. इसी लेख […]
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इसी लेख का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा, जब वे ( एस.वाई कुरैशी ) चुनाव आयोग के मुखिया थे. उस दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि बतौर CEC (Chief Election Commissioner) एस.वाई कुरैशी ने जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत भी कोई कार्रवाई नहीं की.
सुनील अरोड़ा इस वक्त देश के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं. पूर्व चुनाव आयुक्त को जवाब देते हुए लिखा है, 1 फरवरी 2020 से लेकर पिछले 20 सालों में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर की गई कार्रवाई की सूची जारी करने जा रहा है. आयोग ने कहा है कि जब आप देश के मुख्य चुनाव आयुक्त थे उस दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामलों और उन पर की गई कार्रवाई की सूची भी इस पत्र के साथ संलग्न है.
"आप कृपया इस सूची पर नजर डाल सकते हैं, इसमें शामिल सूची से पता चलेगा कि उस दौरान आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 और आईपीसी की धारा 153 के तहत कोई एक्शन नहीं लिया था. ये विडंबना है कि कुछ चुनिंदा भूल (Selective Amnesia) से पाठक किस कदर गुमराह हो सकते हैं." कुरैशी के कार्यकाल का जिक्र करते हुए इस चिट्ठी में लिखा गया है, मात्र 9 नोटिस जारी किए गए थे, जिसमें 2 मामलों में चेतावनी दी गई थी, वो 5 मामलों में एडवाइजरी जारी कर सलाह दी गई थी, जबकि 2 मामले बंद कर दिए गए थे.
कुरैशी ने अपने लिखे में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद परवेश सिंह वर्मा के बयानों का जिक्र किया था. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान 27 जनवरी को अनुराग ठाकुर ने देश के गद्दारों को…गोली मारो…जैसा नारा दिया था, जबकि 28 जनवरी को परवेश वर्मा ने कहा था कि यदि शाहीन बाग में NRC और CAA के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहता है तो दिल्ली में कश्मीर जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी.इस बयानों का जिक्र करते हुए एस.वाई कुरैशी ने कहा था कि इनके खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 और 125 के तहत एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराई गयी..
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