नयी दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन की ओर से शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की हैं. इस एफआईआर में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष सहित 19 छात्र-छात्राओं के नाम है. पुलिस जल्द ही इन छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाएगी. शुक्रवार और शनिवार को छात्रों ने जेएनयू परिसर में हंगामा किया था.
आरोप है कि छात्रों ने सुरक्षा गार्डों पर हमला किया, सर्वर रूम ठप कर लोगों को बंधक बनाने के साथ संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. जेएनयू प्रशासन ने हंगामा करने वाले इन छात्रों के खिलाफ नामजद शिकायत दी थी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि हॉस्टल में मारपीट के दौरान जेएनयू प्रशासन की तरफ से पुलिस को पत्र लिखकर परिसर में हो रही हिंसा और कानून व्यवस्था को काबू करने के लिए आग्रह किया गया.
इसके बाद पुलिस ने परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की गयी. बता दें कि जेएनयू में रविवार शाम को हुई हिंसा को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है. मंगलवार को भी जेएनयू मेन गेट के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. विश्वविद्यालय परिसर में हुई इस हिंसा की दिल्ली पुलिस जांच कर रही है.
पुलिस की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि नकाब पहनकर जिन लोगों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में हिंसा की थी उसमें एबीवीपी और लेफ्ट के कार्यकर्ता ही शामिल थे. इन्हीं नकाबपोशों ने परिसर में तबाही मचाई थी, जिसमें 30 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
क्या हुआ था
जेएनयू में फीस की बढ़ोतरी को लेकर छात्रों का एक गुट पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहा था. पुलिस के मुताबिक, रविवार शाम पौने चार बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि जेएनयू के पेरियार हॉस्टल परिसर में कुछ छात्र मारपीट और तोड़फोड़ कर रहे हैं.
तत्काल पुलिस की टीम उक्त हॉस्टल के पास पहुंची, जहां पुलिस ने देखा कि 40-50 की संख्या में अंजान और नकाबपोश लोग हाथों में रॉड और डंडे लेकर मारपीट और तोड़फोड़ कर रहे थे. ये लोग पुलिस को देखते ही मौके से भाग गए.