कोटा में नवजातों की मौत पर बोले सीएम गहलोत- सरकार संवेदनशील, ना हो राजनीति

जयपुर: कोटा स्थित एक चिकित्सालय में नवजात शिशुओं की मौत को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार पर निशाना साधे जाने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि सरकार बीमार शिशुओं की मौत पर पूरी तरह संवेदनशील है और इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए. गहलोत ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2020 2:19 PM
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जयपुर: कोटा स्थित एक चिकित्सालय में नवजात शिशुओं की मौत को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार पर निशाना साधे जाने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि सरकार बीमार शिशुओं की मौत पर पूरी तरह संवेदनशील है और इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए. गहलोत ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा है कि जेके लोन अस्पताल, कोटा में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है.

‘शिशुओं की मौत पर ना राजनीति’

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है. हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे. मां और बच्चे स्वस्थ रहें, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राजस्थान में बच्चों के आईसीयू की स्थापना सबसे पहले हमारी सरकार ने 2003 में की थी. कोटा में बच्चों के आईसीयू की स्थापना हमने 2011 में की थी.

नवजातों की मौत बना बड़ा मुद्दा

गहलोत ने लिखा कि निरोगी राजस्थान हमारी प्राथमिकता है तथा स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है. उन्होंने लिखा है कि हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिये तैयार हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मामले में मीडिया किसी भी दबाव में आये बिना तथ्य प्रस्तुत करे. उल्लेखनीय है कि कोटा के जेके लोन चिकित्सालय में पिछले कुछ दिनों में नवजात शिशुओं की मौत बड़ा मुद्दा बन गयी है.

केंद्र सरकार देगी जरूरी सहयोग

वहीं इस मसले पर अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का बयान भी सामने आ गया है. केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस मामले में कहा कि मैंने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है और उनसे अनुरोध किया है कि वे व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को देखें. हमने सीएम गहलोत को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस बार मौतों की संख्या निश्चित रूप से अधिक है.

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